बिलासपुर।  जेेल डीजी के विरुद्ध दायर अवमानना याचिका की सुनवाई बुधवार को हाई कोर्ट में हुई। जिसमें  जेल डीजी की तरफ से जवाब प्रस्तुत किया गया। डीजी ने बताया कि कोर्ट के आदेश के बाद बोर्ड की बैठक ही नहीं हो पाई। जवाब सुनने के बाद कोर्ट ने मामले की सुनवाई टाल दी।  याचिकाकर्ता लता कश्यप ने 2017 में सजा में छूट देने के लिए आवेदन लगाई थी। लेकिन, बोर्ड ने उनके आवेदनपत्र को खारिज कर दिया।  जबकि छत्तीसगढ़ प्रिजनर रिलीज आन प्राबेशन एक्ट के तहत कोई भी व्यक्ति पांच साल से अधिक सजा काट चुका है तो ऐसे बंदी की सजा में छूट का लाभ आचरण व्यवहार को ध्यान में रखते हुए दिया जाता है।

 जस्टिस आरसीएस सामंत की कोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई। कोर्ट ने बोर्ड के आवेदन निरस्त करने के आदेश को खारिज कर दिया। साथ ही याचिकाकर्ता के अभ्यावेदन पर दोबारा निर्णय लेने का आदेश दिया। विदित हो कि,  कोर्ट के आदेश के बाद भी बोर्ड ने याचिकाकर्ता के प्रकरण में अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है। इस पर याचिकाकर्ता लता कश्यप ने हाई कोर्ट ने न्यायालय की अवमानना याचिका लगाई थी। इस मामले की प्रारंभिक सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने जेल डीजी को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। प्रकरण अब भी कोर्ट में विचाराधीन है।

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