सुप्रीम कोर्ट नई दिल्ली द्वारा एस.एल.पी. (क्रिमिनल) क्रमांक 529/2021 सोनधर बनाम छत्तीसगढ़ राज्य में धारा 432 (2) द.प्र.सं. के तहत दिए गए दिशा निर्देश के परिपालन में जिला एवं सत्र न्यायाधीश अरविंद कुमार वर्मा के मार्गदर्शन में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायपुर के सचिव प्रवीण मिश्रा द्वारा केन्द्रीय जेल रायपुर का भ्रमण किया गया।
विदित हो कि, छत्तीसगढ़ राज्य की जेलों में आजीवन कारावास की सजा काट रहे प्री-मैच्योर रिहाई हेतु पात्र बंदियो की रिहाई के संबंध में सुप्रीम कोर्ट द्वारा 01 अगस्त 2021 से संपूर्ण राज्य में पायलट प्रोजेक्ट लागू किया जाएगा।
इस प्रोजेक्ट के सफल क्रियान्वयन के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायपुर के सचिव ने बंदियों तथा उनके परिजनों से मुलाकात की और उन्हें इस संबंध में जानकारी प्रदान की । साथ ही उन्होनें जेल अधीक्षक को भी माननीय न्यायालय के दिशा निर्देशों से अवगत कराया । और जेल में बैठक लेकर समस्त बिन्दूओं पर चर्चा की गयी जिससे माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दी गयी समय सीमा में रायपुर जिले में इस पायलेट प्रोजेक्ट का सफल क्रियान्वयन किया जा सके।
जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री अरविंद कुमार वर्मा ने इस पायलेट प्रोजेक्ट के सफल क्रियान्वयन को लेकर राष्ट्रपिता महात्मा गांघी की पंक्तियों को उद्ध्त करते हुए कहा कि – ‘‘घृणा अपराध से होनी चाहिए अपराधी से नहीं ‘‘ ।
श्री वर्मा ने कहा कि, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण हर व्यक्ति के संवेैधानिक, मौलिक, विधिक, तथा मानवीय अधिकारों की सुरक्षा के लिए सदैव तटस्थ है। और सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशों का अक्षरशः पालन करते हुए प्रत्येक बंदी को उनके अधिकार का लाभ प्रदान करने का कर्तव्य निर्वहन प्राधिकरण सुनिश्चित करेगा।