प्रयागराज।  एक माह के ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद आज से हाईकोर्ट खुल गया हैं । मुकदमों की सुनवाई के लिए 16 अदालतें बैठेंगी, वहीं दीवानी अदालतें  भी अब कार्य करना शुरू करेंगी।  पर सभी सुनवाई केवल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ही होगी। आमतौर पर हाईकोर्ट में एक जून से ग्रीष्म अवकाश शुरू होता है, पर कोरोना के बढ़ते संक्रमण के मद्देनज़र मई में ही ग्रीष्मकालीन अवकाश घोषित कर दिया गया था।


 अधीनस्थ अदालतों में सुनवाई के लिए भी दिशा निर्देश जारी 

हाईकोर्ट प्रशासन ने ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद प्रदेश की सभी जिला अदालतों, अधीनस्थ अधिकरणों में मुकदमों की सुनवाई के दिशा-निर्देश जारी कर दिए  हैं। जिसके अनुसार न्यूनतम स्टाफ व अधिकतम आठ न्यायिक अधिकारियों से रोटेशन के आधार पर जरूरी मामलों की सुनवाई करने को कहा गया है।


 इन मामलों पर हो सकेगी सुनवाई 

उपरोक्त न्यायालय अतिआवश्यक नए मुकदमे, जमानत प्रार्थनापत्र, अवमुक्ति अर्जी, सीआरपीसी की धारा 164 के बयान, रिमांड, आपराधिक अर्जियों का निस्तारण, निषेधाज्ञा और जरूरी सिविल मामलों की सुनवाई करेंगे। नए मुकदमों की सुनवाई , अतिआवश्यक अर्जियां  व  बंधपत्र आदि स्वीकार करने की व्यवस्था स्थानीय स्तर पर तय की जाएगी । एवं सभी आदेश सीआईएस पर अपलोड किए जाएंगे। जिला न्यायाधीश पेन्डेमिक गाइडलाइंस के तहत यह सुनिश्चित करेंगे कि 33 फीसदी से अधिक स्टाफ कोर्ट परिसर न आए। 

        इलाहाबाद हाईकोर्ट में महत्वपूर्ण मुकदमों की सुनवाई का सीधा प्रसारण भी शुरू किया जा सकता है। जिसपर  हाईकोर्ट प्रशासन द्वारा विचार किया जा रहा है। वहीं सुप्रीमकोर्ट की ई कमेटी ने भी मुकदमों की सुनवाई के सीधे प्रसारण पर उच्च न्यायालयों से सुझाव मांगे है। एक अधिवक्ता की ओर से दाखिल जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट के वकील ने पीठ को बताया कि इस मुद्दे पर प्रशासनिक स्तर से विचार चल रहा है।

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