सुको ने कहा ,फिजिकल परीक्षा की याचिका का बिंदुवार अध्ययन किया जाएगा
12वीं कक्षा की शारीरिक रूप से परीक्षा रद्द करने के सीबीएसई और आईसीएसई के फैसले को चुनौती देने वाली रिट याचिकाओं की सुनवाई मंगलवार को
नई दिल्ली। CBSE कक्षा 12वीं के लिए इवैल्यूएशन क्राइटेरिया , केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने सप्ताह पहले जारी किया था। जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने 30:30:40 के क्राइटेरिया को स्वीकार किया था। पर बोर्ड से शिकायत निवारण तंत्र, वैकल्पिक परीक्षा की तारीख आदि जैसी कुछ चीजों को शामिल करने के लिए भी सुको ने कहा था।
जिस पर आज न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी की अवकाशकालीन पीठ ने मामले की सुनवाई की। कोर्ट ने कहा कि, सीबीएसई की योजना और छात्रों की ओर से दायर फिजिकल परीक्षा की याचिका का बिंदुवार अध्ययन किया जाएगा। बारहवीं के इम्तिहान और नतीजे काफी अहम होते हैं। इसमें ऐसा फार्मूला सही नहीं हो सकता। इससे भविष्य में मुकदमों की बाढ़ आ जाएगी। कोर्ट ने दलीलें सुनने के बाद कहा कि वो दोनों हलफनामों में उठाए गए मुद्दों, सवालों और सुझावों का बिंदुवार अध्ययन करेंगे। इसके बाद ही समझ में आएगा कि समस्या क्या है, और समुचित समाधान क्या हो! ऐसे ही किसी के ख्याल, आशंका या विचार का कोई मतलब नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को 12वीं कक्षा की शारीरिक रूप से परीक्षा रद्द करने के सीबीएसई और आईसीएसई के फैसले को चुनौती देने वाली रिट याचिकाओं की सुनवाई मंगलवार के लिए टाल दी।
न्यायमूर्ति खानविलकर ने कहा,
“छात्रों के लिए आशा की किसी किरण की जरूरत है, अनिश्चितता की नहीं।” “ये दो अलग-अलग व्यवस्थाएं हैं। सीबीएसई और आईसीएसई अलग हैं। सेब की तुलना संतरे से नहीं की जा सकती है।” उन्होंने यह भी कहा कि, विकास सिंह द्वारा उठाए गए बिंदुओं को उनके जवाब के लिए सीबीएसई और आईसीएसई में रखा जा सकता है।
सीबीएसई कंपार्टमेंट परीक्षा रद्द करने की अपील
पीठ ने 1152 छात्रों द्वारा दायर एक हस्तक्षेप आवेदन भी लिया, जिसमें सीबीएसई कक्षा बारहवीं की कंपार्टमेंट / निजी / पुन: परीक्षा को रद्द करने की मांग की गई थी। जनहित याचिका में हस्तक्षेप आवेदन दायर किया गया है जिसे एडवोकेट ममता शर्मा ने सीबीएसई और आईसीएसई की कक्षा 12 के लिए शारीरिक तौर पर परीक्षा रद्द करने के लिए दायर किया था। हस्तक्षेप करने वालों की ओर से पेश हुए अधिवक्ता अभिषेक चौधरी ने पीठ से कहा कि, कहा गया है कि जब स्थिति अनुकूल होगी तो परीक्षा कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि अगर एक कंपार्टमेंट का छात्र सीएलएटी जैसी प्रवेश परीक्षा में अच्छा करता है, तो वह प्रवेश नहीं ले सकता क्योंकि कंपार्टमेंट के छात्रों के लिए कक्षा 12 की परीक्षा स्थगित है।
पहले भी सुप्रीम कोर्ट ने विवाद समाधान समिति बनाने कहा था
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने सीबीएसई से सीबीएसई कक्षा 12 मूल्यांकन मानदंड पर एक विवाद समाधान समिति dispute resolution committee के लिए एक प्रावधान बनाने के लिए कहा था। समिति का उद्देश्य छात्रों द्वारा प्राप्त अंकों पर उनकी शिकायतों का समाधान करना होना चाहिए। और समिति को बोर्ड को परिणामों की घोषणा और वैकल्पिक परीक्षा के लिए एक निश्चित समयसीमा घोषित करने का भी निर्देश दिया गया था।
इन मुद्दों पर भी होनी थी सुनवाई की संभावना
सीबीएसई कक्षा 12 मूल्यांकन मानदंड पर अंतिम स्टैंड लेने और शिकायत निवारण तंत्र स्थापित करने के अलावा, राज्य बोर्ड परीक्षाओं से संबंधित निर्देश भी पारित करने की संभावना थी। सीबीएसई कक्षा 12 के छात्र कंपार्टमेंटल परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहे हैं, SC से इस पर भी दायर याचिका पर सुनवाई की उम्मीद जताई जा रही थी। अधिकांश राज्यों ने अपनी कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षाएं रद्द कर दी हैं। एससी से कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षा से संबंधित शेष राज्यों के लिए आवश्यक कदमों पर फैसला लेने की भी उम्मीद थी।