मथुरा की श्री कृष्ण जन्म भूमि और शाही ईदगाह मस्जिद विवाद से जुड़े मामले मे इलाहाबाद हाईकोर्ट मंगलवार 30 अप्रैल को एक बार सुनवाई होनी है। जस्टिस मयंक कुमार जैन की सिंगल में सुबह 11: 30 बजे सुनवाई होनी है। मंगलवार की सुनवाई में हिंदू पक्ष की आगे की बहस जारी है। अगले दो दिनों में सुनवाई पूरी होने की उम्मीद है। पिछली सुनवाई में हिंदू पक्ष की तरफ से कई वकीलों ने बहस की थी।

हिंदू पक्ष के वकीलों ने दलील दी है कि मंदिर- मस्जिद प्रशासन के बीच 1968 में हुआ समझौता श्रद्धालुओं पर लागू नहीं होता है। न ही यह समझौता वादी पर बाध्यकारी है। इसके साथ न ही इसमें प्लेसेस आफ वर्शिप एक्ट लागू होगा और न ही लिमिटेशन एक्ट वा वक्फ एक्ट लागू होगा। इसके अलावा स्पेसिफिक पजेशन एक्ट भी इस मामले में लागू नहीं होगा।

मस्जिद पक्ष पूरी हो चुकी है बहस
आपको बता दें कि, इस मामले में मस्जिद पक्ष की बहस पहले ही पूरी हो चुकी है। हाईकोर्ट में अभी मुकदमों की पोषणीयता पर ही सुनवाई चल रही है। मुस्लिम पक्ष ने हिंदू पक्ष की ओर से दाखिल डेढ़ दर्जन अर्जियों को खारिज करने की मांग की है। मुस्लिम पक्ष की बहस पूरी हो चुकी है। मुस्लिम पक्ष ने अभी तक मुख्ये रूप से 1991 के प्लेसेस ऑफ़ वरशिप एक्ट, वक्फ एक्ट, स्पेसिफिक रिलीफ एक्ट और लिमिटेशन एक्ट का हवाला देकर हिंदू पक्ष की याचिकाओं को खारिज किए जाने की दलील दी है

मुस्लिम पक्ष की ओर से आर्डर 7 रूल्स 11 के तहत अर्जियों की पोषणीयता को चुनौती दी गई है। इलाहाबाद हाईकोर्ट 18 अर्जियों पर एक साथ सुनवाई कर रहा है। अयोध्या विवाद की तर्ज पर जिला अदालत के बजाय हाईकोर्ट में सीधे तौर पर मामले की सुनवाई हो रही है। ज्यादातर अर्जियों में शाही ईदगाह मस्जिद को हिन्दुओं का धार्मिक स्थल बताकर उसे हिन्दुओं को सौंपे जाने की मांग की गई है।

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