हाल ही में एक धमकी भरा लेटर दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में तैनात एक महिला सत्र जज को मिला है। यह उनकी कोर्ट में लंबित एक रेप केस के संबंध में भेजा गया था। लेटर में जज को धमकाते हुए आरोपियों को बरी करने के लिए कहा गया। इस घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस ने मामले की छानबीन शुरू कर दी। केस के आरोपियों को बुलाकर उनकी हैंडराइटिंग के नमूने लिए गए।

मामला एडिशनल सत्र जज महिमा राय सिंह की कोर्ट से जुड़ा है। उन्हें एक लेटर मिलता है, जिसमें वेदपाल और अन्य के खिलाफ रेप केस में तीनों आरोपियों को बरी करने के लिए कहते हुए जज को धमकाया जाता है और कोर्ट के अंदर ही खून-खराबा होने की बात कही जाती है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, लेटर लिखने वाले शख्स ने दावा किया कि इनसे पहले जो जज थे, उनके साथ सेटिंग हो गई थी। हालांकि, उनका ट्रांसफर हो गया।

घटना खौफ पैदा करने वाली थी। लिहाजा, इसकी सूचना स्थानीय पुलिस तक पहुंची, जिसने छानबीन शुरू करते हुए केस के तीनों आरोपियों को बीते मंगलवार को तीस हजारी कोर्ट परिसर की पुलिस चौकी में बुलाया। तीनों से उस लेटर की बातें पांच-पांच बार लिखाई गईं ताकि लेटर के लेख का आरोपियों की हैंडराइटिंग से मिलान कराया जा सके।

हालांकि आरोपियों को पुलिस के जरिए ही इस लेटर के बारे में पता चला, ऐसा दावा उनके वकील कर रहे हैं। मामले में वेदपाल का बचाव कर रहे वकील रवि दराल ने कहा, ‘यह लेटर हो न हो, शिकायतकर्ता की ओर से ही भेजा गया है। शिकायतकर्ता ऐसा करने की आदि है। उसके खिलाफ ऐसे तीन और मामले सामने आए हैं।

इस केस में भी उसने आरोपियों से जबरन वसूली के तौर पर 80 लाख मांगे थे। जब डील नहीं हुई तो यह लेटर सामने आ गया। हमने शिकायतकर्ता के खिलाफ जबरन वसूली के अपराध के लिए एफआईआर दर्ज करने का अनुरोध किया है, जिसके लिए हमारी अर्जी अदालत के सामने लंबित है।’

उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ता का पूरा परिवार इस तथाकथित वसूली और झूठे केस दर्ज कराने के काम में लगा है, जिसका ठोस सबूत हमारे पास है। अब कौन सही बोल रहा है और कौन झूठ, यह पुलिस की जांच के बाद ही साफ हो पाएगा। हालांकि, आरोपी इस बात से खुश हैं कि इस घटना के सामने आने से शिकायतकर्ता के खिलाफ पिछले कई और मामलों का खुलासा हो रहा है।

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