लखनऊ । उत्तर प्रदेश में बढ़ते न्यायिक कार्य को देखते हुए जल्द ही 5000 और नोटरी अधिवक्ता मिलने की उम्मीद है। इस बारे में राज्य सरकार की ओर से किए गए अनुरोध को स्वीकार करते हुए केंद्र ने इस पर सैद्धांतिक सहमति जतायी है। भर्ती इंटरव्यू के जरिए होगी। हर जिले से इसके लिए आवेदन मांगे जाएंगे। प्रदेश में अभी नोटरी अधिवक्ताओं के 2625 पद सृजित हैं।
न्याय मंत्री ब्रजेश पाठक ने केंद्रीय मंत्री को बताया कि उत्तर प्रदेश में 110 नए परिवार न्यायालय गठित किये गए हैं। महिलाओं के खिलाफ अपराधों में दर्ज मुकदमों की तेजी से सुनवाई के लिए 220 फास्ट ट्रैक कोर्ट और बच्चों के खिलाफ यौन अपराधों के मामलों के लिए 120 नए पाक्सो कोर्ट भी स्थापित किये गए हैं। ज्यादातर जिलों में एमपी-एमएलए कोर्ट भी गठित किए जा चुके हैं। प्रदेश में 13 नए कामर्शियल कोर्ट खोले गए हैं। हर जिले में मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल स्थापित किए गए हैं। लोक अदालतों को स्थायी स्वरूप देते हुए उनमें सीजेएम स्तर के न्यायाधीश तैनात किए गए हैं। जजों के नए पद सृजित कर उन पर नियुक्तियां/प्रमोशन किए गए हैं।
न्याय मंत्री ब्रजेश पाठक ने केंद्रीय मंत्री को बताया कि प्रदेश में नोटरी अधिवक्ता की सीमित संख्या होने के कारण वादकारियों और जनता को कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। यदि नोटरी अधिवक्ताओं की संख्या बढ़ा दी जाए तो इससे बड़ी संख्या में अधिवक्ताओं को रोजगार मिलेगा, जनता की कठिनाई दूर होगी और पहले से काम कर रहे नोटरियों का बोझ कम होगा। पाठक ने बताया कि केंद्र सरकार ने इस पर सैद्धांतिक सहमति जताई है। हमें नए पद जल्दी मिलने की उम्मीद है।
न्याय मंत्री ब्रजेश पाठक ने केंद्रीय मंत्री को बताया कि मांगे गए पदों की केंद्र सरकार से स्वीकृति मिलने पर हर जिले को औसतन 66 और तहसील स्तर पर 10-10 नोटरी अधिवक्ता मिल सकेंगे। नोटरी अधिवक्ताओं का चयन इंटरव्यू के आधार पर होगा। इसमें उन अधिवक्ताओं को प्राथमिकता दी जाएगी जो पहले से रजिस्टर्ड हैं लेकिन जिनकी प्रैक्टिस कम चलती है।