गाजियाबाद शहर के सभी 58 ट्रैफिक सिग्नल लगातार तीसरे दिन बंद होने के कारण लोगों को आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यातायात व्यवस्था को सुचारू रखने के लिए पुलिस की ओर से चौराहों और तिराहों पर यातायात पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है। यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है, आज इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है।
नगर निगम ने शहर में ट्रैफिक सिग्नल को चलाने के लिए बीओटी फर्म मैसर्स शिवशक्ति ड्रीम होम्स प्राइवेट लिमिटेड के साथ वर्ष 2017 में छह साल के लिए अनुबंध किया था, अनुबंध की शर्त थी कि छह साल कार्य संतोषजनक होने पर अगले छह साल के लिए अनुबंध का नवीनीकरण किया जाएगा।
मई 2023 में नगर निगम ने फर्म का अनुबंध नवीनीकरण नहीं किया, यह मामला हाईकोर्ट में गया। हाईकोर्ट से स्टे मिलने के बाद फर्म द्वारा अब तक ट्रैफिक सिग्नल ऑपरेट किया जा रहा था, लेकिन शनिवार को नगर निगम ने फर्म के विज्ञापन यूनिपोल काट दिए, जिसके बाद फर्म ने सभी ट्रैफिक सिग्नल बंद कर दिए।
नगर निगम ने ट्रैफिक सिग्नल का कंट्रोल सौंपने का कहा तो फर्म ने कंट्रोल नहीं दिया। इस मामले में फर्म के निदेशक सहित चार के खिलाफ रविवार को सिहानी गेट थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई। लेकिन उसका भी कोई प्रभाव दिखाई नहीं दिया, मंगलवार सुबह भी शहर के सभी ट्रैफिक सिग्नल बंद हैं।