इंदौर।MPPSC की तरफ से आयोजित सिविल सेवा परीक्षा 2023 की प्रारंभिक परीक्षा में तीन विवादित प्रश्न पूछे गए थे, जिसको लेकर उम्मीदवारों द्वारा मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी।

     हाईकोर्ट की तरफ से राज्य लोकसेवा आयोग को एक आदेश ज़ारी किया गया है। जिसमें आयोग को मुख्य परीक्षा में शामिल होने के लिए उम्मीदवारों से फिजिकली रूप से फॉर्म को स्वीकार करने के लिए कहा गया है। दरअसल, उम्मीदवारों द्वारा MPPSC द्वारा आयोजित मुख्य परीक्षा, 2023 की तारीख को बढ़ाने की मांग की गई थी।

        हाईकोर्ट ने दिया आदेश
हाईकोर्ट में उम्मीदवारों ने याचिका पर  जस्टिस विवेक अग्रवाल ने दोनों पक्षों को बुलाकर सुनवाई की। इस दौरान MPPSC के सचिव प्रबल सिपाहा मौजूद रहे। हालांकि उनकी तरफ से कोर्ट में संतोषप्रद जवाब नहीं दिया जा सका। जिसके कारण अभी मामला कोर्ट में विचाराधीन है। वहीं परीक्षा की तारीख नजदीक आने के कारण हाईकोर्ट ने उम्मीदवारों को बड़ी राहत दी है। याचिका में शामिल सभी उम्मीदवारों को मुख्य परीक्षा में शामिल करने का आदेश लोक सेवा आयोग को दी गई है। इसके लिए उम्मीदवार 8 मार्च 2024 को लोक सेवा आयोग में फिजीकली तौर पर फॉर्म भरकर जमा कराएं। जिसके बाद आयोग उम्मीदवारों को प्रवेश पत्र जारी करेगा।

प्रारंभिक परीक्षा में विवादित प्रश्न के लिए डाली गई थी याचिका

MPPSC की तरफ से आयोजित सिविल सेवा परीक्षा 2023 की प्रारंभिक परीक्षा में तीन विवादित प्रश्न पूछे गए थे, जिसको लेकर उम्मीदवारों द्वारा हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। इसी बीच लोकसेवा आयोग द्वारा मुख्य परीक्षा के आयोजन की तारीख की भी घोषणा कर दी थी। वहीं इस मामले को लेकर उम्मीदवारों ने  कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इस दौरान छात्रों का कहना है कि अगर परीक्षा का आयोजन हो गया तो सिविल सेवा परीक्षा 2023 का भी हाल 2019 की परीक्षा जैसा हो जाएगा। हालांकि कोर्ट में अभी मामला विचाराधीन है और उम्मीदवारों के तारीख बढ़ाने की सारी संभावनाएं खत्म हो गई।

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