प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दिल्ली हाईकोर्ट के समक्ष दलील दी है कि गिरफ्तार आप सांसद संजय सिंह कथित तौर पर “अपराध की आय” को सफेद करने के लिए एक कंपनी बनाई। यह काला धन दिल्ली आबकारी नीति में बदलाव से उत्पन्न होने वाले व्यवसाय से आता था। सिंह को दिल्ली आबकारी शुल्क नीति ‘घोटाले’ से जुड़े धनशोधन मामले में गिरफ्तार किया गया था। ईडी ने कहा कि सिंह 2021-22 की नीति अवधि से संबंधित दिल्ली आबकारी घोटाले से उत्पन्न अपराध की आय को प्राप्त करने, रखने, छिपाने, प्रसारित और उपयोग करने में शामिल थे। ईडी ने कहा कि जांच से पता चला है कि सिंह को अपराध से 2 करोड़ रुपये मिले हैं।
धन शोधन मामले में सिंह की जमानत याचिका के जवाब में दायर अपने हलफनामे में ईडी की तरफ से यह दलीलें दी गईं। पिछले साल चार अक्टूबर को ईडी द्वारा गिरफ्तार किए गए राज्यसभा सदस्य ने धनशोधन मामले में उनकी जमानत याचिका खारिज करने के निचली अदालत के 22 दिसंबर के आदेश को चुनौती दी है। मामला मंगलवार को न्यायमूर्ति स्वर्णकांता शर्मा के समक्ष सूचीबद्ध किया गया था। ईडी के वकील की अनुपलब्धता के कारण इसे अब बुधवार के लिए सूचीबद्ध किया गया है।
संजय सिंह ने बनाई कंपनी…
जांच एजेंसी ने अपने हलफनामे में कहा कि जांच के दौरान यह पता चला कि सिंह कथित घोटाले में एक प्रमुख साजिशकर्ता हैं और वह इस मामले में कई आरोपियों या संदिग्धों, व्यवसायी दिनेश अरोड़ा और अमित अरोड़ा के साथ निकटता से जुड़ा हुआ था। इसमें कहा गया, “…यह स्पष्ट है कि संजय सिंह अपराध की आय के धनशोधन के लिए एक कंपनी (मैसर्स अरालियास हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड) बनाने में शामिल थे, जो कि उनके और उनके सह-षड्यंत्रकारी द्वारा साजिश के अनुसार नीतिगत बदलावों से उपजे व्यवसाय से उत्पन्न होता था। इसके अलावा, संजय सिंह 2021-22 की नीति अवधि से संबंधित दिल्ली शराब घोटाले से उत्पन्न अपराध की आय को प्राप्त करने, रखने, छुपाने, फैलाने और उपयोग करने में शामिल थे।”