बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच ने 26 साल के एक आरोपी को 13 वर्षीय नाबालिग के साथ यौन उत्पीड़न के मामले में जमानत दे दी है। सुनवाई के दौरान जस्टिस उर्मिला जोशी-फाल्के ने कहा कि ये ऐसा मामला नहीं है, जिसमें आरोपी ने वासना (LUST) के कारण पीड़िता के साथ यौन उत्पीड़न किया हो। साथ ही कहा कि दोनों ऐसे रिश्ते में थे, जो प्यार पर बेस्ड था, वासना पर नहीं।
बता दें कि आरोपी नितिन ढाबेराव के खिलाफ पीड़िता के पिता ने मामला दर्ज कराया था। आरोप है कि उसकी 13 वर्षीय बेटी 23 अगस्त 2020 को कुछ किताबें लेने के लिए घर से निकली थी, लेकिन वह वापस नहीं लौटी। लिहाजा पिता ने बेटी की गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई। जिसके बाद पुलिस नाबालिग को ढूंढने में सफल रही।
नाबालिग ने पुलिस को बताया था कि पड़ोस में रहने वाले नितिन ने उससे अपनी फीलिंग्स शेयर की थीं। 22 अगस्त को वह अपनी दादी के घर गई थी, इस दौरान आरोपी नितिन ने उससे शादी का वादा किया। इसके बाद नाबालिग अपने घर से गहने और कैश लेकर नितिन के साथ चली गई। इस दौरान वह महाराष्ट्र के बाहर कई जगहों पर भी रहे। नाबालिग का बयान दर्ज होने के बाद अमरावती के अंजनगांव सुर्जी पुलिस स्टेशन ने आरोपी के खिलाफ पॉक्सो अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत FIR दर्ज कर ली।
नितिन के वकील ने इस आधार पर जमानत मांगी कि नाबालिग अपनी मर्जी से उसके साथ आई थी। जबकि अभियोजन पक्ष ने इस दलील के साथ विरोध किया कि नाबालिग की सहमति प्रासंगिक नहीं है। पीड़िता का प्रतिनिधित्व करने के लिए अदालत द्वारा नियुक्त एक वकील ने भी अभियोजन पक्ष की दलील का समर्थन किया और जमानत अर्जी खारिज करने की गुहार लगाई।
सुनवाई के दौरान जस्टिस उर्मिला जोशी-फाल्के ने कहा कि जहां तक योग्यता का सवाल है, तो माना जाता है कि पीड़िता 13 साल की है और उसकी सहमति प्रासंगिक नहीं है। हालांकि जांच अधिकारी द्वारा दर्ज किए गए बयानों से पता चलता है कि पीड़िता ने अपना घर छोड़ा था। वह दोस्त से किताब लेने के बहाने घर से निकली और वापस नहीं लौटी। वह आरोपी के साथ चली गई। अपने बयान में नाबालिग ने आरोपी के साथ अपने प्रेम संबंध की बात स्वीकार की है।
कोर्ट ने कहा कि नाबालिग के बयान से पता चलता है कि वह आरोपी के साथ कई जगहों पर रुकी थी और उसने कोई शिकायत भी नहीं की। लिहाजा ये साफ है कि नाबालिग प्रेम प्रसंग के कारण आरोपी के साथ गई थी।
न्यायाधीश ने कहा कि आरोपी की उम्र भी 26 वर्ष है और प्रेम संबंध के कारण वे एक साथ आए हैं। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि इस केस में चार्जशीट दायर की गई है। लेकिन ये केस साल 2020 का है और मुकदमे में कोई प्रगति नहीं हुई है। मुकदमे को अंतिम निपटान में समय लगेगा। इसे देखते हुए आरोपी को आगे कैद में रखने की जरूरत नहीं है, उसे जेल में रखने से कोई उद्देश्य पूरा नहीं होगा।