सहमति संबंध में रह रही दो लड़कियों में से एक को उसके परिजनों द्वारा जबरन उत्तर प्रदेश ले जाने के मामले में पंचकूला पुलिस ने बंदी बताई गई लड़की बबली को पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट में पेश किया। इस केस की नियमित सुनवाई वाले जज के अवकाश पर होने के चलते मामला दूसरे जज के पास पहुंचा था जिन्होंने रिश्ते को अनैतिक बताते हुए सुनवाई से इनकार कर दिया। जस्टिस जैन ने कहा कि यह मामला वही बेंच सुनेगी जो नियमित सुनवाई कर रही है।

हरदोई की लड़की को अदालत में किया गया पेश
शुक्रवार को पंचकूला पुलिस ने कोर्ट के आदेश के अनुसार उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले से लाई गई लड़की बबली को अदालत में पेश किया। काजल नाम की युवती ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए बबली को अपना सहमति संबंध पार्टनर बताया था। याचिका में बताया गया कि बबली के परिजन उसकी मर्जी के खिलाफ उसको उत्तर प्रदेश लेकर चले गए हैं और उसका विवाह उसकी मर्जी के खिलाफ कहीं और करवाना चाहते हैं। काजल ने बबली से बातचीत का रिकॉर्ड कोर्ट में पेश किया, जिसमें बबली ने कहा कि यदि उसकी शादी मर्जी के खिलाफ हुई तो वह मर जाएगी।

आदेश जारी करने वाली बेंच सुनेगी मामला
इस मामले को गंभीर बताते हुए हाईकोर्ट ने बबली को पेश करने का हरियाणा पुलिस को आदेश दिया था। इसी आदेश के अनुसार शुक्रवार को पुलिस बबली को लेकर हाईकोर्ट पहुंची थी लेकिन आदेश जारी करने वाले जज अवकाश पर थे और मामला अन्य जज के पास सुनवाई के लिए पहुंचा। उन्होंने इस रिश्ते को अनैतिक बताया और कहा कि इस मामले को वही बेंच सुनेगी, जिसने आदेश जारी किया था।

तीन अलग-अलग जन्मतिथि पर उठे थे सवाल
हाईकोर्ट के समक्ष बबली के परिजनों ने उसका आधार कार्ड पेश किया जिसके अनुसार वह नाबालिग थी। इसके साथ ही हरियाणा पुलिस ने उन्नाव के स्कूल का स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट दिखाया जिसके अनुसार भी वह नाबालिग थी। हालांकि याची ने जो आधार कार्ड पेश किया उसके अनुसार बबली बालिग थी। ऐसे में हाईकोर्ट ने Unique Identification Authority of India को दोनों आधार कार्ड से संबंधित दस्तावेज सौंपने का आदेश दिया था।

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