यूपी के कुशीनगर में पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। दरअसल कुबेरस्थान थाना क्षेत्र के एक गांव में तीन साल पहले हुए गैंगरेप की विवेचना से मुख्य अभियुक्त का नाम निकाले जाने पर SP ने दो तत्कालीन SO समेत पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है। इस मामले में कोर्ट द्वारा लगातार 15 बार समन जारी किये जाने के बाद भी थाने पर पुलिसकर्मियों ने उसे रिसीव नहीं किया था। कोर्ट के सख्त रुख पर SP ने दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की है।
साल 2020 में कुबेरस्थान थाना क्षेत्र के लक्ष्मीपुर गांव में गैंगरेप के आरोप में कई लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था। उस समय कुबेरस्थान थाने पर महेंद्रर चतुर्वेदी SO थे। उनके समय हल्के के दरोगा प्रियांशु राय को विवेचना की जिम्मेदारी सौंपी गयी थी। विवेचना में मुख्य अभियुक्त का नाम ही मुकदमे से निकाल दिया गया। इस पर पीड़ित पक्ष ने कोर्ट से न्याय की गुहार लगायी। SO महेंद्र चतुर्वेदी का तबादला देवरिया जिले में होने के बाद कुबेरस्थान थाने में कई अन्य SO की तैनाती के बाद राघवेन्द्र सिंह थानाध्यक्ष बने।
बताया जा रहा है कि राघवेंद्र सिंह के SO रहते हुए कोर्ट ने पुलिसकर्मियों के हाजिर होने को लेकर करीब 15 समन जारी किए लेकिन कुबेरस्थान पुलिस ने एक बार भी समन तामील नहीं किया। समीक्षा के दौरान मामला पुलिस उच्चाधिकारियों के संज्ञान में आने पर SP धवल जायसवाल ने इस प्रकरण में कड़ा एक्शन लिया है। उन्होंने कुबेरस्थान थाने पर तैनात रहे तत्कालीन SO एवं मौजूदा समय में देवरिया जिले के रुद्रपुर थाने पर तैनात SO महेंद्र चतुर्वेदी, कुशीनगर के पटहेरवा थाने में तैनात SO राघवेंद्र सिंह, सेवरही थाने में तैनात एसआई प्रियांशु राय, पैरोकार सदानंद एवं पॉक्सो कोर्ट के हेड मुहर्रिर शशिकांत चौधरी को निलंबित कर दिया है।
इस मामले एस SP धवल जायसवाल ने बताया कि साल 2020 के एक प्रकरण में विवेचना में लापरवाही पाए जाने पर कुबेरस्थान थाने पर तैनात रहे दो तत्कालीन SO एवं तीन अन्य पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है।