सीबीआई मामलों के विशेष न्यायाधीश, विशाखापत्तनम ने मैसर्स मास्टर स्टील ट्यूब्स, विशाखापत्तनम के प्रबंध साझीदार श्री एम. सुधाकर राव, को पांच वर्ष की कठोर कारावास के साथ 6,000/- रु. के जुर्माने
की सजा सुनाई।
सीबीआई ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के तत्कालीन मुख्य प्रबंधक एवं मैसर्स मास्टर स्टील ट्यूब्स, विशाखापत्तनम के प्रबंध साझीदार श्री एम. सुधाकर राव सहित अन्यों के विरुद्ध दिनाँक 28-04-2000 को मामला दर्ज किया जिसमें आरोप है कि यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, लघु उद्योग वित्त शाखा, विशाखापत्तनम के साथ धोखाधड़ी करने के उद्देश्य से लोक सेवकों एवं निजी व्यक्तियों, बैंक मूल्यांकनकर्ताओं सहित आरोपियों ने आपस में षड्यंत्र रचा। उक्त षड्यंत्र के अनुसरण में, आरोपियों ने बढ़ी हुई समानांतर एवं अतिरिक्त समानांतर प्रतिभूतियों, जाली लॉरी रसीदों (Lorry receipts) व इन्वाइसेस (Invoices) के बल पर 52.50 लाख रु. की नकद साख, 39 लाख रु. का अंतर्देशीय ऋण पत्र (Inland Letter of Credit), 2 लाख रु. की कार हेतु सावधि ऋण की मंजूरी दे दी। इससे बैंक को 60,49,227/- रू. की हानि हुई।
जांच के पश्चात, आरोपियों के विरुद्ध दिनाँक 15-05-2002 आरोप पत्र दायर किया गया। विचारण के दौरान, तत्कालीन मुख्य प्रबंधक सहित दो आरोपियों की मृत्यु हो गई एवं उनके विरुद्ध मामला हटा लिया गया।
विचारण अदालत ने उक्त आरोपी को कसूरवार पाया एवं उन्हे दोषी ठहराया। दो आरोपियों को अदालत ने बरी कर दिया।