माफिया पूर्व सांसद अतीक अहमद के बेटे अली अहमद को उच्चतम न्यायालय ने बड़ा झटका दिया. अदालत ने उसे रंगदारी के एक मामले में अग्रिम जमानत देने से फिलहाल इनकार कर दिया है. न्यायाधीश सीटी रवि कुमार (C.T. Ravi Kumar)और न्यायाधीश सुधांशु धूलिया (Sudhanshu Dhulia)ने कहा कि यह मामला अग्रिम जमानत का नहीं है.
अब उच्चतम न्यायालय गर्मी की छुट्टी के बाद जुलाई के दूसरे हफ्ते में मामले की सुनवाई करेगा. इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अतीक अहमद के बेटे अली उर्फ अली अहमद की पांच करोड़ की रंगदारी मांगने और जानलेवा हमले के मामले में अग्रिम जमानत की अर्जी खारिज कर दी थी. इस फैसले के खिलाफ अली ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दाखिल की थी.
लॉ की पढ़ाई के लिए मांगी जमानत
अली अहमद ने उच्चतम न्यायालय से गुहार लगाई कि उसे अग्रिम जमानत दे दी जाए क्योंकि उसकी कानून की पढ़ाई में भी बाधा आ रही है. इस पर अदालत ने कहा कि कानून का छात्र होकर भी आपने कानून तोड़ा है. आपका मामला इस स्थिति में अग्रिम जमानत के लायक नहीं है.
छह महीने पहले का है मामला
आरोप के मुताबिक अली 31 दिसंबर 2021 को अपने साथियों के साथ जीशान के पास आया और उसकी कनपटी पर पिस्टल लगा कर अतीक अहमद से मोबाइल पर बात करने को कहा. जीशान के मना करने पर अतीक ने फोन पर पांच करोड़ की रंगदारी मांगी. अतीक अहमद ने जीशान को धमकाया किक ऐनुद्दीनपुर स्थित अपनी प्रॉपर्टी उसकी बीवी के नाम कर दे, नहीं तो नतीजा बहुत बुरा होगा. बात न मानने पर जान से मारने की धमकी भी दी थी.
रंगदारी नहीं दी तो किया हमला
जीशान ने यह सब मानने से मना कर दिया तो उसके मना करने पर अली व उसके साथ आए लोगों ने जीशान व उसके रिश्तेदारों को पिस्टल, रायफल व बंदूक की बट से बुरी तरह से पिटाई कर दी. इसी समय दहशत फैलाने और मार डालने की मंशा से अली व असद ने पिस्टल से फायर भी किया. दीवार की आड़ में छिप जाने के कारण जीशान तब बाल-बाल बच गया.