खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश के आरोपों में घिरे पूर्व रॉ अधिकारी विकास यादव ने अपनी जान को खतरा बताया है। शनिवार को दिल्ली की एक अदालत में विकास यादव की ओर से दावा किया गया कि उनकी निजी जानकारियों का सार्वजनिक रूप से खुलासा किया गया है, जिससे उन्हें खतरनाक लोगों से जान का खतरा है। उन्होंने कोर्ट से फिजिकल एपीयरेंस से छूट की मांग की, जिसे अदालत ने मंजूर कर लिया।

फिजिकल मौजूदगी से मांगी छूट
विकास यादव ने एक आवेदन दायर कर अपनी फिजिकल एपीयरेंस से छूट की मांग की, जो एक जबरन वसूली और अपहरण मामले से संबंधित था, जिसमें वह आरोपी हैं। दरअसल, दिसंबर 2023 में दिल्ली पुलिस के विशेष सेल ने यादव को गिरफ्तार किया था। इस साल की शुरुआत में उन्हें जमानत मिल गई थी।

आवेदन में क्या बोले विकास यादव
विकास यादव ने अपनी अर्जी में कहा कि उनके खिलाफ झूठे और निराधार आरोप लगाए गए हैं और उनके व्यक्तिगत विवरण जैसे उनका पता, पृष्ठभूमि, और तस्वीरें पूरी दुनिया में प्रकाशित की गई हैं, जिससे उन्हें जान का खतरा हो गया है। आवेदन में यह भी कहा गया है कि विकास यादव पर लगातार निगरानी की जा रही है और उनका पीछा किया जा रहा है। आरोप है कि उन्हें ट्रैक किया जा रहा है। यादव ने दावा किया कि उसकी जान को खतरा है।

वीडियो कांफ्रेंसिंग भी असुरक्षित
आवेदन में यह भी कहा गया कि वीडियो कांफ्रेंसिंग (VC) के माध्यम से पेश होना भी खतरनाक हो सकता है, क्योंकि इलेक्ट्रॉनिक तकनीकी के माध्यम से उसकी लोकेशन का पता चल सकता है, जिससे उसका जीवन और भी अधिक जोखिम में आ सकता है।

यादव ने अदालत से आग्रह किया कि उसे शारीरिक उपस्थिति से छूट दी जाए, ताकि न केवल उसकी जान बच सके, बल्कि न्याय की प्रक्रिया भी प्रभावित न हो। उन्होंने अदालत को यह आश्वासन दिया कि वह अपने निर्दोष होने को साबित करने के लिए तैयार हैं और इसके लिए अदालत में उपस्थित होने के इच्छुक हैं, लेकिन मौजूदा हालात में उसकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उसे छूट दी जाए।

कोर्ट ने अनुमति दी
अदालत ने यादव को शारीरिक उपस्थिति से छूट देने की अनुमति दे दी और मामले की अगली सुनवाई 3 फरवरी 2025 को तय की है।

इस आवेदन में यादव के वकील, आरके हैंडू और आदित्य चौधरी ने अदालत से अनुरोध किया कि इन परिस्थितियों में विकास यादव को छूट देना न्याय और समानता के पक्ष में होगा, ताकि न केवल उनकी जान की रक्षा हो सके, बल्कि अदालत की प्रक्रिया की पवित्रता भी बनी रहे।

जानिए कौन है विकास यादव? 
अमेरिकी अभियोग में जांचकर्ताओं ने दावा किया है कि पन्नू मामले के आरोपियों और खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप निज्जर की हत्या के बीच सीधा संबंध हैं। जानकारी के मुताबिक, 18 जून को कनाडा के सरे में गुरु नानक सिख गुरुद्वारे के बाहर निज्जर की हत्या के कुछ ही घंटों बाद, CC1 (विकास यादव) ने निखिल गुप्ता को निज्जर के शव का एक वीडियो भेजा था। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि वीडियो किसने बनाया और यादव को भेजा।

अमेरिकी अधिकारियों ने कहा है कि यादव पहले भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ (RAW) के अधिकारी थे और उन्होंने इस साजिश के दौरान “अमानत” फर्जी नाम इस्तेमाल किया। उनकी तस्वीरें जारी करते हुए एफबीआई ने बताया कि उनका जन्म हरियाणा के प्राणपुरा में हुआ था। इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए भारतीय विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि अभियोग में जिन व्यक्तियों का उल्लेख किया गया है, वे अब भारतीय सरकार के लिए काम नहीं करते हैं।

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