दिल्ली उच्च न्यायालय ने नगर सरकार को एक सफाई कर्मचारी की विधवा को 30 लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया है जिसकी सीवर की सफाई के दौरान मौत हो गई थी। जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने महिला की उस याचिका को स्वीकार कर लिया जिसमें कहा गया था कि उच्चतम न्यायालय के हालिया आदेश के अनुसार उसे अधिक मुआवजा दिया जाए। शीर्ष अदालत ने सीवर की सफाई करने के दौरान जान गंवाने वाले कर्मियों के आश्रितों को दिए जाने वाले 10 लाख रुपये के मुआवज़े को बढ़ा कर 30 लाख रुपये कर दिया था।
उच्च न्यायालय के न्यायाधीश ने कहा कि शीर्ष अदालत का फैसला वर्तमान मामले पर भी लागू होगा और राज्य सरकार से कहा कि वह दो महीने में महिला को बढ़ा हुआ मुआवज़ा दे। इसी के साथ अदालत ने महिला की याचिका का निपटान कर दिया। याचिकाकर्ता ने अदालत को बताया था कि उसे 10 लाख रुपये का मुआवज़ा मिल गया है, लेकिन शीर्ष अदालत के फैसले के मद्देनज़र मुआवज़े को बढ़ाकर 30 लाख रुपये किया जाए। उच्चतम न्यायालय ने यह फैसला अक्टूबर में दिया था।