बॉम्बे हाई कोर्ट ने रेप के एक केस में अहमद फैसला दिया है। नागपुर पीठ ने 12वीं की छात्रा से बलात्कार के आरोपी को बरी भी कर दिया। हाई कोर्ट ने कहा कि पहली मुलाकात में किसी अनजान व्यक्ति के साथ होटल के कमरे में जाना समझदार लड़की के लिए असंभव है। मामला जलगांव के एक व्यक्ति और स्थानीय कॉलेज की लड़की से रेप के आरोप का था।
राहुल लहासे को नवंबर 2021 में IPC, POCSO और IT एक्ट के प्रावधानों के तहत अमरावती की एक सत्र अदालत ने दोषी ठहराया था। उसे 10 साल के सश्रम कारावास की सजा हुई थी। उसने निचली अदालत के फैसले को हाई कोर्ट में चैलेंज किया था।
विश्वसनीयता पर उठाया सवाल
याचिकाकर्ता की अपील पर न्यायमूर्ति गोविंदा सनप की एकल पीठ ने सुनवाई की। बेंच ने पीड़िता की गवाही की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए दोषसिद्धि को खारिज कर दिया।
फेसबुक के जरिए हुई थी दोस्ती
राहुल लहासे के खिलाफ मामला यह था कि वह मार्च 2017 में फेसबुक के जरिए नाबालिग से मिला। उसके ऊपर आरोप था कि उसने छात्रा को शारीरिक संबंध बनाने के लिए मजबूर किया और बाद में उसकी अंतरंग तस्वीरें साझा करने की धमकी देकर उसे ब्लैकमेल किया।
बेंच ने क्या कहा
पीड़िता ने आगे आरोप लगाया कि रिश्ता खत्म करने के बाद लहासे ने तस्वीरें उसके परिवार और मंगेतर को भेज दीं। अदालत ने लड़की के बयान को अविश्वसनीय पाया। न्यायमूर्ति सनप ने टिप्पणी की, ‘पीड़िता ने बताया कि आरोपी ने उनके लिए एक कमरा बुक किया था। पहली बार किसी युवा लड़के से मिलने वाली लड़की होटल के कमरे में नहीं जाएगी।’
बेंच ने कहा, ‘लड़के की ओर से ऐसा आचरण निश्चित रूप से खतरे का संकेत देगा… फिर भी, उसने उसके साथ होटल के कमरे में जाने का विकल्प चुना। पीड़िता का यह आचरण ऐसी ही स्थिति में पड़े सामान्य विवेकशील व्यक्ति के व्यवहार के अनुरूप नहीं है।’