गांधीनगर। सुप्रीम कोर्ट के जज डी वाई चंद्रचूड़ ने गुजरात में एक विधि विश्वविद्यालय के छात्रों को संबोधित करते हुए,असहमति को लोकतंत्र का सेफ्टी वाल्व बताया। और असहमति को देश विरोधी करार देने को लेकर आगाह किया। श्री चंद्रचूड़ ने कहा कि असहमति जाहिर करने को देश विरोधी और लोकतंत्र विरोधी करार देना, संविधान के मूल्यों को बचाने में हमारी प्रतिबद्धता पर सवाल खड़े करता है। उन्होंने विधि विश्वविद्यालय के छात्रों से कहा कि “असहमति का साहस” विकसित करें । आशावादी रहें व अपने जमीर के प्रति सच्चा रहें। गुजरात राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय (जीएनएलयू) के दीक्षांत समारोह में जज चंद्रचूड़ ने विधि छात्रों से कहा कि वे अपनी असफलताओं को संभालना सीखें और जीवन में रोज कुछ अच्छा करें।
न्यायमूर्ति ने कहा –  “साहस एक वकील की पहचान है। और साहस से मेरा आशय सिर्फ सरकार के खिलाफ खड़े होने से नहीं है। मैं सिर्फ इस साहस की बात नहीं कर रहा हूं। जो लोग सरकार के खिलाफ खड़े होते हैं, वह अखबार की सुर्खियां बना सकते हैं। लेकिन हम ऐसे नागरिक चाहते हैं, जिनमें उन लोगों के लिये खड़े होने का साहस हो ,जो अपनी बात खुद नहीं रख सकते।”   जीएनएलयू का 10वाँ दीक्षांत समारोह था, जिसमें कुल 218 छात्रों को उपाधि प्रदान की गई।

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