नई दिल्ली। कोरोना के मद्देनजर पूरे देश में समान व्यवस्था लाने के लिए वित्तीय आपातकाल लागू करने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कोई आदेश जारी नहीं किया। कोर्ट ने कुछ देर बहस सुनने के बाद बिना कोई आदेश दिये मामले की सुनवाई दो सप्ताह के लिए टाल दी हैं ।

वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये हुई मामले की सुनवाई

सेंटर फार एकाउंटबेलिटी एंड सिस्टेमेटिक चेंज (सीएएससी) संस्था ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर कोर्ट से कोरोना के चलते देश में पैदा हुए वर्तमान स्थितियों को देखते हुए संविधान के अनुच्छेद 360 (3) के तहत वित्तीय आपातकाल घोषित करने की मांग की थी। बुधवार को न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की अध्यता वाली पीठ ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये मामले पर सुनवाई की।

केंद्र के आदेश राज्यों पर बाध्यकारी होंगे

वकील विराग गुप्ता ने याचिका पर पक्ष रखते हुए कहा कि कोरोना महामारी संकट के चलते पूरे देश में एक समान व्यवस्था लागू करने की जरूरत है। ऐसे में केंद्र सरकार राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लिए जो भी आदेश जारी कर रही है वे संविधान के अनुच्छेद 360 (3) के तहत जारी किये जाएं। इस अनुच्छेद के तहत वित्तीय आपातकाल घोषित करने का प्रवाधान किया गया है। ऐसा करने से केंद्र के आदेश राज्यों पर बाध्यकारी होंगे। आदेश मानना या न मानना राज्यों की इ्च्छा पर निर्भर नहीं करेगा।

 याचिका दो सप्ताह के लिए टाली गई

पीठ गुप्ता के तर्कों से बहुत सहमत नहीं दिखी। कोर्ट ने कहा कि वे जो बात कहना चाहते हैं इस बारे में सरकार को ज्ञापन दे सकते हैं। गुप्ता ने कहा कि कोर्ट उनकी याचिका को ज्ञापन की तरह सरकार को भेज दे, लेकिन बाद में कोर्ट ने बगैर कोई आदेश जारी किये मामले को 2 सप्ताह बाद के लिए टाल दिया। 

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