रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, बिलासपुर द्वारा 19 सितंबर को आयोजित होने वाली राज्य स्तरीय विशेष ई – लोक अदालत स्थगित होने संबंधी आदेश जारी किया है। राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव सिद्धार्थ अग्रवाल ने समस्त जिला न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, सचिव ,छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति बिलासपुर को पत्र लिखकर सूचित किया है कि 19 सितंबर 2020 को आयोजित होने वाली राज्यस्तरीय विशेष ई लोक अदालत को अपरिहार्य कारणों से स्थगित किया जाता है । इसके साथ ही 19 सितम्बर को होने वाली ई लोक अदालत इस बार नही हो पाएगी।
इससे पूर्व जुलाई 2020 में छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा कोरोना महामारी के बीच पहली ई लोक अदालत का आयोजन किया गया था ।जिसका अधिवक्ताओं में रोष व्याप्त रहा है। ज्ञात हो कि ई लोक अदालत का यह दूसरा आयोजन संभावित था। पूर्व में आयोजित ई लोक अदालत में आदेशानुसार दोपहर 3 बजे तक अधिवक्ता व पक्षकारों को न्यायालय परिसर में आने से रोक थी।उक्त ई लोक अदालत पर कई अधिवक्तागण ने अपना विरोध व्यक्त किया था। इस बार पुनः होने वाली ई लोक अदालत पर भी अधिवक्ताओं ने अपना रोष व्यक्त किया। जिस पर अधिवक्ता संघ रायपुर के सचिव कमलेश पांडेय ने दिनांक 16 सितंबर को माननीय मुख्य न्यायमूर्ति छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय बिलासपुर को एक पत्र लिखा। जिसमे कोरोना वायरस के कारण दिनांक 19 सितंबर को आयोजित होने वाली लोक अदालत को स्थगित किए जाने की मांग की। संघ के सचिव ने पत्र में लिखा कि मार्च 2020 से न्यायालयीन कार्य कोरोना वायरस के कारण स्थगित हैं, जिसके कारण समस्त अधिवक्तागण बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं, तथा हो रहे हैं। संक्रमण के बढ़ते हुए स्तर एवं मृत्यु दर को देखते हुए माननीय जिला न्यायाधीश रायपुर द्वारा दिनांक 30 सितंबर तक स्थगन अवधि को बढ़ा दिया गया हैं।
सचिव श्री पांडेय ने पत्र में लिखा है कि, निरंतर न्यायालयीन कार्य स्थगित होने के कारण एवं छत्तीसगढ़ विशेषकर रायपुर में संक्रमण के कारण उपजी परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए लोक अदालत को स्थगित किया जाना अत्यंत आवश्यक एवं उचित होगा। ई-लोक अदालत की तैयारी के लिए न्यायाधीशगण, अधिवक्तागण एवं पक्षकारों को आना – जाना, मिलना – जुलना होगा जिससे संक्रमण होने की आशंका है। इसके अतिरिक्त नियमित कार्य न होने से भी अधिवक्ता वर्ग में लोक अदालत के आयोजन पर रोष व्यक्त किया जा रहा है।
श्री पांडेय ने उल्लेखनीय तौर पर यह भी कहा है कि, अधिवक्ता वर्ग को आज दिनांक तक केंद्र सरकार, राज्य सरकार या उच्च न्यायालय से किसी भी प्रकार की राहत नही मिली है। साथ ही अपने पत्र के माध्यम से यह भी निवेदन किया है कि, छत्तीसगढ़ विशेषकर रायपुर में संक्रमण एवं मृत्यू दर को देखते हुए नियमित न्यायालयीन कार्य प्रारम्भ होने पर ही ई-लोक अदालत का आयोजन किया जावे।