नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में आज सीजेआई बोबडे, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस वी. रामासुब्रमणियन की पीठ उस याचिका पर सुनवाई करेगी। जिसमें आरोप लगाया गया है कि उत्तर प्रदेश सरकार आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने में विफल रही है।
इसलिए हाथरस में हुई एक युवती के सामूहिक बलात्कार वाले मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) या विशेष जांच दल (SIT) द्वारा उच्चतम अथवा उच्च न्यायालय के वर्तमान या सेवानिवृत्त न्यायाधीश की निगरानी में कराई जाये। सोशल एक्टीविस्ट सत्यमा दुबे व अधिवक्ता विशाल ठाकरे और रुद्र प्रताप यादव की ओर से यह याचिका दायर की गई है।
इस मामले में पूर्व न्यायिक अधिकारी चंद्रभान सिंह ने भी सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की है। इसमें संबंधित पुलिस अधिकारियों की भूमिका की जांच के साथ-साथ उनके खिलाफ एफआइआर दर्ज किए जाने व मृत युवती के माता-पिता और भाई के बयान, अपराध प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा-164 के तहत मजिस्ट्रेट के समक्ष दर्ज कराने के निर्देश देने की मांग की गई है।
इसी मामले में ही अधिवक्ता सीआर जया सुकिन ने भी जनहित याचिका दाखिल की है। जिसमें उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की गई है। इसमें कई घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा गया है कि उत्तर प्रदेश महिलाओं के लिए देश का सबसे असुरक्षित राज्य बन गया है। इसलिए राष्ट्रपति शासन लगा देना चाहिए।