दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को केंद्र सरकार को राष्ट्रीय पार्टी के रूप में मान्यता प्राप्त होने के कारण आम आदमी पार्टी (AAP) को कार्यालय भूमि आवंटित करने पर निर्णय लेने के लिए 25 जुलाई तक का समय दिया। पांच जून को हाईकोर्ट ने इस मामले में आप के अनुरोध पर निर्णय लेने के लिए केंद्र को छह सप्ताह का समय दिया था।

सुनवाई के दौरान आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के संपदा निदेशालय ने अदालत से चार सप्ताह का और समय देने का अनुरोध किया। निदेशालय ने कहा कि वह नवनिर्वाचित सांसदों को आवास आवंटित करने के कार्य में व्यस्त है।

ऑफिस खाली करने का अंतिम समय 10 अगस्त
वहीं, संपदा निदेशालय ने तर्क का विरोध करते हुए आप ने इस बात पर जोर दिया कि बुधवार को समाप्त हो रही छह सप्ताह की समय सीमा को ध्यान में रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पार्टी को राउज एवेन्यू में अपना वर्तमान कार्यालय खाली करने के अंतिम अवसर के रूप में 10 अगस्त तक का समय दिया है।

मार्च माह में सुप्रीम कोर्ट ने आप को 15 जून तक राउज एवेन्यू स्थित पार्टी कार्यालय खाली करने का समय दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने नोट किया था कि यह जमीन न्यायिक बुनियादी ढांचे के विस्तार के लिए दिल्ली हाईकोर्ट को आवंटित की गई थी।

आम आदमी पार्टी ने क्या कहा
आप ने कहा कि बिना किसी उपाय के पार्टी कार्यालय छोड़ने के लिए समय विस्तार की मांग की जा रही है और केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष कार्यालय स्थान के आवंटन के संबंध में दिल्ली हाईकोर्ट के निर्देश का पालन करने में असमर्थता व्यक्त नहीं की है। साथ ही यह भी सवाल किया कि आखिर में अदालत आने का उद्देश्य क्या है? यदि केंद्र सरकार भूमि देना चाहती है तो उन्हें ऐसा करने से कौन रोक रहा है।

पीठ ने पक्षों को सुनने के बाद कहा कि कार्यालय स्थान आवंटन मुद्दे पर निर्णय लेने के लिए निदेशालय को पर्याप्त समय दिया गया है और चार सप्ताह का और विस्तार नहीं दिया जा सकता है। हालांकि, पीठ ने मामले के समग्र तथ्यों व परिस्थितियों पर विचार करते हुए समय अवधि 25 जुलाई तक बढ़ा दी।

साथ ही स्पष्ट किया कि अदालत उम्मीद करती है कि केंद्र सरकार आवेदक द्वारा विस्तार की मांग के लिए कोई और आवेदन प्रस्तुत नहीं किया जाएगा। पांच जून को सुनाए अपने निर्णय में हाईकोर्ट ने कहा था कि आप अन्य राष्ट्रीय राजनीतिक दलों की तरह दिल्ली में पार्टी कार्यालय के लिए जगह पाने की हकदार है और केंद्र से छह सप्ताह के भीतर इस मुद्दे पर निर्णय लेने को कहा था।

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