ED ने कथित जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में झारखंड हाईकोर्ट की हेमंत सोरेन को दी गई जमानत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। हाईकोर्ट ने 28 जून को हेमंत सोरेन को जमानत दे दी थी।

सोरेन ने चार जुलाई को झारखंड के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। ED के 31 जनवरी को गिरफ्तार किए जाने से कुछ देर पहले ही झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के कार्यकारी अध्यक्ष सोरेन ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।

ED ने क्या दलील दी?
इससे पहले हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान ED के वकील ने दलील दी थी कि यदि सोरेन को जमानत पर रिहा किया गया तो वह इसी तरह का अपराध कर सकते हैं और उन्होंने अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति पुलिस थाने में ED अधिकारियों के खिलाफ दर्ज मामलों का हवाला दिया था।

झारखंड हाईकोर्ट ने क्या कहा?
हाईकोर्ट ने जमानत आदेश में कहा था, ‘‘याचिकाकर्ता द्वारा ED के अधिकारियों के खिलाफ दर्ज की गई FIR के आधार पर ED ने उनके आचरण को रेखांकित किया है लेकिन मामले के समग्र परिप्रेक्ष्य में, याचिकाकर्ता द्वारा समान प्रकृति का अपराध करने की कोई संभावना नहीं है।’’

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