पटना हाईकोर्ट ने राजद के तत्कालीन एमएलसी प्रो. (डा.) रामबली सिंह की सदस्यता रद किए जाने के विरुद्ध दायर याचिका को निरस्त कर दिया। मुख्य न्यायाधीश के. विनोद चंद्रन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने अपना निर्णय सुनाते हुए विधान परिषद के सभापति के निर्णय को वैध करार दिया।

रामबली सिंह पर पार्टी विरोधी क्रियाकलापों एवं अनुशासन भंग करने का आरोप था। तत्कालीन सभापति देवेश चंद्र ठाकुर ने उन आरोपों को सही पाते हुए छह फरवरी को विधान परिषद से उनकी सदस्यता समाप्त कर दी थी। सभापति के आदेश के विरुद्ध उन्होंने हाईकोर्ट में दायर की थी।

इस मामले पर याचिकाकर्ता का पक्ष अधिवक्ता एसबीके मंगलम, चुनाव आयोग का पक्ष अधिवक्ता सिद्धार्थ प्रसाद एवं विधान परिषद का पक्ष अधिवक्ता असहर मुस्तफा ने रखा।

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