ज्ञानवापी मस्जिद के मामले की सुनवाई करने वाले जज रवि कुमार दिवाकर को जान माल की धमकी दिए जाने के मामले को गंभीरता से लेते हुए लखनऊ की NIA कोर्ट के विशेष न्यायाधीश विवेकानंद शरण त्रिपाठी ने जनपद न्यायाधीश लखनऊ के माध्यम से इलाहाबाद हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को पत्र लिखकर सुरक्षा की मांग की है। न्यायाधीश त्रिपाठी ने इसे अति संवेदनशील बताते हुए पत्र की प्रति प्रमुख सचिव गृह एवं DGP को भी भेजी है। हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को भेजे गए पत्र में NIA कोर्ट के विशेष न्यायाधीश विवेकानंद शरण त्रिपाठी ने लिखा है कि ज्ञानवापी मस्जिद प्रकरण की सुनवाई करने वाले न्यायाधीश रवि कुमार दिवाकर को भोपाल के नवी बाग निवासी अदनान खान द्वारा जानमाल की धमकी दी गई है। जिसको लेकर एटीएस ने गोमतीनगर में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।

न्यायाधीश की सुरक्षा के लिए भेजे गए पत्र में कहा गया है कि खिलजी नाम से आरोपी इंस्टाग्राम अकाउंट चला रहा है। जिसके द्वारा ज्ञानवापी मस्जिद के मुकदमे की सुनवाई कर रहे न्यायाधीश को धमकी दी गई है। आरोपी ने अपनी विचारधारा से जुड़े लोगों को न्यायाधीश के खिलाफ दुष्प्रेरित किया है। सोशल मीडिया पर इस पोस्ट से दूसरे धर्म के लोगों की धार्मिक भावनाओं को आहत करने के साथ-साथ दो वर्गों के बीच में वैमनस्यता व विद्वेष फैलाने के साथ-साथ राष्ट्र विरोधी कार्य को अंजाम दिया जा रहा है।

आरोपी अदनान खान द्वारा भारत जैसे प्रजातांत्रिक राष्ट्र व उसकी संवैधानिक व्यवस्था का मूल अंग न्यायपालिका के प्रति धार्मिक आधार पर अविश्वास व द्रोह उत्पन्न किया जा रहा है। यह भी कहा गया है कि आरोपी अदनान के इस कृत्य पर अगर अंकुश नहीं लगाया गया तो कोई अप्रिय घटना घटित हो सकती है। अदालत ने इसके पूर्व एटीएस के अनुरोध पर आरोपी अदनान खान को 14 जून को पुलिस कस्टडी रिमांड पर देने का आदेश दिया था तथा पूछताछ के दौरान उसकी निशानदेही पर दो मोबाइल व एक पेन ड्राइव बरामद की गई है। यह इसी घटना से संबंधित बताई जाती है। आरोपी की पुलिस कस्टडी रिमांड अवधि 20 जून को समाप्त हो गई। इस बीच NIA कोर्ट ने न्यायाधीश रवि कुमार की सुरक्षा को लेकर पत्र लिखा है।

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