NEET-UG 2024 के परीक्षा परिणाम को लेकर जारी घमासान के बीच पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने अनियमितताओं के आरोपों की जांच सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त अधिकारियों से कराने की मांग की और भविष्य में यह परीक्षा कैसे आयोजित की जाए इसके लिए सरकार से सभी राज्यों के साथ गहन विचार-विमर्श करने को कहा है। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कपिल सिब्बल ने कहा कि अगर किसी परीक्षा में जांच प्रणाली भ्रष्ट हो जाए, तो ऐसे मामले में प्रधानमंत्री का चुप रहना ठीक नहीं है। इस दौरान उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को सभी दलों को प्रमुखता से संसद के आगामी सत्र में उठाना चाहिए। लेकिन सदन में सरकार इस मुद्दे को न्यायालय में विचाधीन कहकर इस पर चर्चा नहीं होने देगी।
‘NTA को देने होंगे कई सवालों के जवाब’
कपिल सिब्बल ने आगे कहा कि मौजूदा राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) ने वास्तव में गड़बड़ी की है और मीडिया मंचों पर भ्रष्टाचार को उजागर किया गया है। उन्होंने कहा कि गुजरात में हुए कुछ मामलों से मुझे हैरानी हुई है और ये एक राष्ट्रीय चिंता का विषय है। मैं सोचता हूं इस मामले में NTA को कई गंभीर सवालों के जवाब देने चाहिए। वहीं सत्ताधारी दलों के नेता पर पलटवार करते हुए सिब्बल ने कहा कि ये और हैरान और निराश करने वाली बात है, जब भी कुछ ऐसा होता है, तो इसका दोष पिछली सरकार पर मढ़ दिया जाता है। और अंधभक्त यूपीए सरकार को दोष देना शुरू कर देते हैं, ये और भी दुर्भाग्यपूर्ण है कि वो किसी भी मुद्दे पर बोलने से पहले पढ़ते नहीं हैं।
यह कानून मौजूदा सरकार ने पेश किया था- सिब्बल
उन्होंने इस बात जिक्र किया कि नीट विनियमन साल 2010 में भारतीय चिकित्सा परिषद (MCI) द्वारा अपने निदेशक मंडल के माध्यम से पेश किया गया था। और MCI स्वास्थ्य मंत्रालय के अधीन था न कि शिक्षा मंत्रालय के अधीन। तो मानव संसाधन विकास मंत्री के तौर पर मेरा इससे कोई लेना नहीं था। भारतीय चिकित्सा परिषद के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स ने इस विनियमन को ये कहते हुए पेश किया था कि देश में एमबीए पाठ्यक्रम में प्रवेश पाने वाले छात्रों के लिए एक राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा होनी चाहिए। उन्होंने कहा, यह कानून मौजूदा सरकार ने पेश किया था। इसका यूपीए से कोई लेना-देना नहीं था।
शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान पर भी साधा निशाना
पूर्व केंद्रीय मंत्री शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के उस बयान पर निशाना साधा, जिसमें उन्होंने परीक्षा में पेपर लीक या धांधली के आरोपों को खारिज किया था। सिब्बल ने आगे कहा कि CBI जांच प्रशासन की रक्षा करेगी और इसलिए एक स्वतंत्र एजेंसी या सुप्रीम कोर्ट द्वारा चुने गए स्वतंत्र अधिकारियों के माध्यम से ही जांच की जरूरी है, न कि सत्ता में बैठी सरकार के द्वारा। उन्होंने कहा कि अगर उन्हें मौका मिला तो वे इस मुद्दे को संसद में उठाएंगे। बता दें कि NEET-UG की परीक्षा 5 मई को 4,750 केंद्रों पर आयोजित की गई थी और इसमें करीब 24 लाख उम्मीदवार शामिल हुए थे।
छात्रों की मांग- CBI जांच और फिर से हो परीक्षा
देशभर से 24 लाख छात्रों और अभिभावकों ने नीट यूजी परीक्षा में धांधली पर अदालत की निगरानी में CBI जांच और दोबारा नीट परीक्षा आयोजित करने की मांग है। नीट यूजी परीक्षा परिणाम जारी होने के 12वें दिन छात्र, अभिभावक और विपक्ष लगातार हमलावर है और पूरे मामले पर सरकार से जवाब मांग रहे हैं। शिक्षा मंत्री ने भी रविवार को प्रारंभिक जांच में दो गड़बड़ी की बात मानकर मामले को और हवा दे दी है। छात्र अब दोबारा परीक्षा की मांग करने लगे हैं। क्योंकि केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने खुद मान लिया है कि NTA में सुधार की जरूरत है तो कुछ तो गड़बड़ी हुई है।