नीट यूजी 2024 परीक्षा परिणाम सामने आने के बाद से ही छात्रों का गुस्सा एनटीए पर फूट रहा है। सोशल मीडिया से लेकर सड़कों पर मेडिकल स्टूडेंट्स का प्रदर्शन जारी है, इसी बीच लखनऊ से एक और छात्रा ने एनटीए के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी है। छात्रा का कहना है कि आसंर कुंजी में उसके 720 में से 715 नंबर आ रहे हैं और एनटीए कह रहा है कि उनका परिणाम जारी नहीं किया जाएगा क्योंकि ओएमआर शीट फटी हुई थी।

आयुषी ने लगाए ये आरोप
लखनऊ में एक छात्रा ने NTA की परीक्षा प्रणाली पर ही सवाल खड़े करते हुए हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका डाल दी है। लखनऊ की रहने वाली आयुषी पटेल ने भी लाखों छात्रों की तरह इस बार नीट की परीक्षा दी, लेकिन 4 जून को जब रिजल्ट आया तो उसमें आयुषी का रिजल्ट देने से मना कर दिया गया। वजह यह बताई कि आपकी ओएमआर शीट फटी हुई थी। ओएमआर शीट कैसे फट गई इस बारे में आयुषी को कुछ नहीं पता। नीट परीक्षा के बाद जो आंसर की जारी हुई उसमें आयुषी को 720 में 715 नंबर आ रहे हैं, लेकिन NTA का कहना है कि आयुषी का रिजल्ट जारी नहीं किया जाएगा।

4 जून को देर शाम जब आयुषी ने ऑनलाइन रिजल्ट देखा तो उसमें NTA की तरफ से जवाब आया कि आपकी ओएमआर शीट फटी हुई थी लिहाजा रिजल्ट जारी नहीं किया जा सकता है। यह पढ़ने के बाद आयुषी के अरमानों पर पानी फिर गया। उनके पैरों तले धरती खिसक गई कि यह क्या हुआ, उसकी तो आंसर की में सिर्फ एक सवाल गलत था। इसलिए उसके 720 में 715 नंबर आ रहे थे। इस बार तो उसका एमबीबीएस में सरकारी कॉलेज मिलना तय था, लेकिन NTA ने रिजल्ट जारी करने से मना कर आयुषी के सपनों को चकनाचूर कर दिया।

मेल पर एनटीए ने भेजा सबूत
आयुषी को समझ नहीं आ रहा था कि आखिर उसकी ओएमआर शीट फट कैसे सकती है। उसने तो परीक्षा में बहुत सावधानी से ओएमआर शीट में गोले भरे थे और जमा की थी। परीक्षा केंद्र पर तैनात लोगों ने भी सख्ती और सतर्कता के साथ उसकी ओएमआर शीट जमा भी करवाई थी फिर ओएमआर शीट कैसे फट गई।

आयुषी के मामा पेशे से हाईकोर्ट के लखनऊ बेंच में अधिवक्ता है। मामा को संपर्क किया तो उन्होंने 4 जून को ही NTA को तीन लीगल और सात नोटिस ई-मेल पर भेजे, जिसमे आयुषी की ओएमआर शीट मेल पर देने को कहा गया। 24 घंटे बाद जब NTA का मेल आया तो आयुषी और उसका पूरा परिवार हैरान रह गया।

फटी हुई निकली ओएमआर शीट
मेल पर भेजी गई ओएमआर शीट वाकई में फटी हुई थी। आयुषी के द्वारा भरे गए ओएमआर शीट के गोले भी साफ दिखाई पड़ रहे थे जिसको देखने के बाद ही आयुषी ने मांग रखी है कि ओएमआर शीट फटने के लिए वह जिम्मेदार नहीं है और अगर ओएमआर शीट फट भी गई है तो उसका रिजल्ट ना रोका जाए। अपनी इसी डिमांड को लेकर आयुषी ने हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका डाली है। जब तक उसकी ओएमआर शीट को लेकर हाईकोर्ट कोई निर्णय नहीं देती है तब तक नीट के जारी रिजल्ट पर आगे की प्रक्रिया रोक दी जाए।

दुखी मां ने कहा- मेरी बेटी के साथ नाइंसाफी नहीं होनी चाहिए
आयुषी के पिता संतोष पटेल की आलमबाग में एक छोटी सी मेडिकल स्टोर की दुकान है। मां शशी पटेल ग्रहणी हैं। बेटी सुबह 7 बजे कोचिंग जाती है और शाम को घर लौटती है। घर लौटकर भी भरपेट खाना नहीं खाती, ताकी फिर रात में नींद ना आ जाए, लेकिन उसकी इस मेहनत पर NTA की लापरवाही से पानी फिरता नजर आया तो आयुषी की मां शशि और सभी बेहद दुखी हो गए। मां कहती हैं कि बेटी ने इतनी मेहनत की उसने ईमानदारी से परीक्षा दी तो उसका रिजल्ट भी आना चाहिए। मेरी बेटी के साथ नाइंसाफी नहीं होनी चाहिए। अब हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में दायर की गई याचिका पर बुधवार को सुनवाई होनी है।

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