इलाहाबाद हाईकोर्ट ने CJM की अदालत से अर्जी खारिज होने के बावजूद FIR दर्ज करने वाले थाना प्रभारी हापुड़ नगर को कारण बताओ नोटिस जारी की है। कोर्ट ने पूछा है कि अदालत के आदेश की अनदेखी के लिए क्यों न उन पर पचास हजार का जुर्माना लगाया जाए। यह आदेश न्यायमूर्ति अरविंद सिंह सांगवान और न्यायमूर्ति राम मनोहर नारायण मिश्रा की खंडपीठ ने ओमवीर व अन्य की ओर से हापुड़ नगर थाने में उनके खिलाफ दर्ज धोखाघड़ी और कूट रचना के मामले की FIR को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया।
मामला हापुड़ जिले के थाना हापुड़ नगर क्षेत्र का है। बिक्री विलेख संबंधी सिविल वाद से जुड़े एक मामले में विपक्षी ने याचियों के खिलाफ FIR दर्ज करवाने की मांग को लेकर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट हापुड़ की अदालत में 156 (3) के तहत अर्जी दाखिल की थी। लेकिन मजिस्ट्रेट की अदालत ने वह अर्जी खारिज कर दी। इसके बावजूद हापुड़ नगर थाने में याचियों के खिलाफ FIR दर्ज कर दी गई। जिसके खिलाफ याचियों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। याचियों के अधिवक्ता ने दलील दी कि इसी मामले में FIR दर्ज करने की विपक्षी की अर्जी CJM की अदालत से खारिज होने के बाद FIR दर्ज किया जाना अदालत की अपेक्षा के समान है।
खफा कोर्ट ने हापुड़ नगर के थाना प्रभारी को अदालती आदेश की उपेक्षा करने पर कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए चार हफ्ते में जवाबी हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया हैं। कोर्ट ने याचियों के खिलाफ किसी भी तरह की उत्पीड़नात्मक कार्यवाही पर रोक लगाते हुए मामले की अगली सुनवाई के लिए 13 सितंबर की तारीख नियत की है।