सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की किल्लत और दूसरी परेशानियों को लेकर सुनवाई की। जिसमें सुको ने केंद्र से पूछा कि संकट से निपटने के लिए आपका नेशनल प्लान क्या है? क्या वैक्सीनेशन ही मुख्य विकल्प है।  मामले की अगली सुनवाई  अब 30 अप्रैल को होगी।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा

‘हमें लोगों की जिंदगियां बचाने की जरूरत है। जब भी हमें जरूरत महसूस होगी, हम दखल देंगे। राष्ट्रीय आपदा के समय हम मूकदर्शक नहीं बने रह सकते हैं। हम हाईकोर्ट्स की मदद की जिम्मेदारी निभाना चाहते हैं। इस मामले में उन अदालतों को भी अहम रोल निभाना है।’ 

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को दिए ये 5 निर्देश

1. SC ने केंद्र से पूछा- ऑक्सीजन की सप्लाई को लेकर केंद्र को मौजूदा स्थिति स्पष्ट करनी होगी। कितनी ऑक्सीजन है? राज्यों की जरूरत कितनी है? केंद्र से राज्यों को ऑक्सीजन के अलॉटमेंट का आधार क्या है? राज्यों को कितनी जरूरत है, ये तेजी से जानने के लिए क्या प्रक्रिया अपनाई गई है?

2. गंभीर होती स्वास्थ्य जरूरतों को बढ़ाया जाए। कोविड बेड्स भी बढ़ाए जाएं।

3. वो कदम बताइए जो रेमडेसिविर और फेवीप्रिविर जैसी जरूरी दवाओं की कमी को पूरा करने के लिए उठाए गए ?

4. अभी कोवीशील्ड और कोवैक्सिन जैसी दो वैक्सीन उपलब्ध हैं। सभी को वैक्सीन लगाने के लिए कितनी वैक्सीन की जरूरत होगी ? वैक्सीन के अलग-अलग दाम तय करने के पीछे क्या तर्क और आधार हैं?

5. 28 अप्रैल तक जवाब दें कि 18+ आबादी के वैक्सीनेशन के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर से जुड़े क्या मामले हैं।

 प्रधानमंत्री खुद समस्याओं पर ध्यान दे रहे हैं : केंद्र 

केंद्र की तरफ  से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि ,

सरकार हाई लेवल पर इस मसले पर काम कर रही है। परेशानियां दूर करने के लिए प्रधानमंत्री खुद इसे देख रहे हैं। हम हालात को बहुत सावधानी से संभाल रहे हैं।

पिछली सुनवाई में मांगा था नेशनल प्लान

सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई में भी कहा था कि कोरोना और ऑक्सीजन जैसे मुद्दों पर छह अलग-अलग हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है। इससे कन्फ्यूजन पैदा हो सकता है। कोर्ट ने ये भी स्पष्ट किया था कि हाईकोर्ट के मामलों पर सुनवाई का मतलब केस ट्रांसफर करना नहीं है। हाईकोर्ट्स आगे बढ़ें और फैसले लें। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कोरोना के बिगड़ते हालात पर 4 बिंदुओं में नेशनल प्लान मांगा था।

1. राजधानी दिल्ली सहित कई राज्यों में ऑक्सीजन सप्लाई की कमी बनी हुई है और मरीजों की जान जा रही है।

2. पूरे देश में 1 मई से वैक्सीनेशन का तीसरा फेज शुरू हो रहा है, लेकिन राज्यों में वैक्सीन की किल्लत बनी हुई है।

3. कोरोना के इलाज में उपयोग होने वाली दवाओं की हर राज्य में कमी है।

4. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि लॉकडाउन लगाने का अधिकार कोर्ट के पास नहीं होना चाहिए। ये राज्य सरकार के अधीन हो।

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