आवेदन पर अगले 30 दिनों में निर्णय पारित करने का आदेश दिया है।

याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता ने बताया, क्यों लगाई याचिका
मामले की पैरवी कर रहे मध्यप्रदेश हाईकोर्ट जबलपुर के अधिवक्ता आर्यन उरमलिया ने अमर उजाला को बताया कि खंडवा जिले में जनवरी में पुलिस प्रशासन ने एक बैठक करवाई थी। इसमें आम लोग और धर्म गुरु शामिल हुए थे। जिसमें तय हुआ कि आप लोग आवेदन दीजिए और हम लाउडस्पीकर के संबंध में आपको परमिशन जनरेट करके देंगे। इस संबंध में हमारे जो पक्षकार हैं, खंडवा के हजरत बुलंद शहीद मस्जिद के नायब इमाम शेख जावेद और लव जोशी, इनके द्वारा उस संबंध में संबंधित अधिकारियों से पत्राचार किया गया था। उस पर संबंधित अधिकारियों के द्वारा अब तक कोई निराकरण नहीं किया गया और उसमें एक पक्षीय कार्रवाई करते हुए बिना किसी लिखित सूचना के उनके द्वारा धर्मस्थलों से लाउडस्पीकर भी हटवा दिए गए थे।

संपूर्ण मध्य प्रदेश के लिए याचिका बनेगी मील का पत्थर
अधिवक्ता आर्यन उरमलिया ने अमर उजाला प्रतिनिधि को बताया कि इसके परिणाम स्वरूप हमने अपने पक्षकार नायब इमाम शेख जावेद के पक्ष में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में एक याचिका प्रस्तुत की थी, जिसमें माननीय हाईकोर्ट ने समयबद्ध निर्णय पारित करते हुए संबंधित अधिकारियों को 30 दिन के भीतर पक्षकारों के अभ्यावेदन में निर्णय लेने का आदेश पारित किया है। इसी बीच बीते 25 मई को मध्य प्रदेश शासन और पुलिस प्रशासन के द्वारा संपूर्ण मध्य प्रदेश में लाउडस्पीकर हटाने की कार्रवाई की गई है, जिसको लेकर मैं समझता हूं कि यह पिटीशन एक मील का पत्थर साबित होगी।

अमर उजाला पर समझें, अब तक का पूरा घटनाक्रम
मध्य प्रदेश में मोहन यादव की सरकार बनते ही उन्होंने अपने पहले ही आदेश में लाउडस्पीकर पर प्रतिबंध लगाने का फरमान जारी किया था। जिसके बाद ताबड़तोड़ तरीके से प्रदेशभर में मंदिर, मस्जिद सहित सभी धर्म स्थलों के साथ साथ अन्य स्थानों पर तेज गति से बजने वाले लाउडस्पीकर पर कार्रवाई की गई थी। CM का आदेश था, तो उसका सख्ती से पालन भी हुआ। हालांकि इसी बीच प्रदेश के खंडवा जिले के कुछ लोगों ने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार लाउडस्पीकर बजाए जाने की मांग को लेकर याचिका दायर कर दी।

इधर, लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के चलते यह कार्रवाई कुछ धीमी पड़ी थी। इस दौरान कुछ स्थानों पर तेज आवाज में लाउडस्पीकरों का इस्तेमाल भी वापस से किया जाने लगा, लेकिन चुनाव खत्म होते ही एक बार फिर से CM के आदेश पर बीते दिनों प्रशासनिक अमला सड़कों पर उतरा और प्रदेश भर से धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर उतरवाए गए थे, जिसके बाद अब हाईकोर्ट का यह आदेश पारित हुआ है।

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