इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए ADM हाथरस पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है और कहा कि यह राशि याचिकाकर्ता को दो महीने में भुगतान किया जाए। कोर्ट ने यह भी कहा कि कर्तव्यों के पालन में लापरवाही बरतने वाले लोक सेवकों से राज्य सरकार यह राशि वसूलने के लिए स्वतंत्र है।
कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट और इस न्यायालय की ओर परिभाषित किया गया है कि कानून के अनुसार गुंडा एक्ट की कार्रवाई ऐसे व्यक्ति पर करें जो आदतन अपराधी हो या ऐसा व्यक्ति जो बार-बार अपराध कर रहा है और उसकी प्रवृत्ति अपराधी है। यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ व न्यायमूर्ति सुरेंद्र सिंह-प्रथम की कोर्ट ने मुकेश कुमार की ओर से दाखिल की गई याचिका पर दिया।
मामले में हाथरस निवासी मुकेश कुमार पर ADM ने गुंडा एक्ट की कार्रवाई करते हुए 30 जून 2022 नोटिस जारी किया और 30 जनवरी 2024 आदेश पारित किया। इस दौरान याची ने आदेश और नोटिस के खिलाफ हाईकोर्ट से गुहार लगाई। याची अधिवक्ता ने पक्ष रखते हुए कहा कि इस मामले में एक बार पहले भी गुंडा एक्ट के तहत कार्रवाई की जा चुकी।
उसी मुकदमे मे अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट की ओर से याची के खिलाफ दूसरी नोटिस जारी कर कार्रवाई नहीं की जा सकती। कहा कि याची को एक ही अपराध के लिए दो बार परेशान नहीं किया जा सकता। अपर शासकीय अधिवक्ता ने दलीलों का विरोध किया, लेकिन याची के वकील की ओर से न्यायालय के समक्ष रखे गए तथ्यों पर विवाद नहीं कर सके।
कोर्ट ने अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट हाथरस की ओर से पारित नोटिस दिनांक 30 जून 2022 और आदेश दिनांक 30 जनवरी 2024 को रद्द कर दिया। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में याचिकाकर्ता के नाम पर एक अकेला मामला है, जिसमें उसे मुकदमे के समापन तक अग्रिम जमानत दी गई है। इस मामले में जिले के कार्यकारी अधिकारियों ने अपनी शक्तियों का दुरुपयोग किया है। कोर्ट ने ADM पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया।