दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने शुक्रवार (17 मई) को स्पाइसजेट (SpiceJet)  स्पाइसजेट विवाद मामले में अजय सिंह को बड़ी राहत मिली है। अदालत ने सिंगल बेंच के उस आदेश को रद्द कर दिया जिसमें मीडिया दिग्गज कलानिधि मारन को 579 करोड़ रुपये ब्याज के साथ लौटाने का स्पाइसजेट और उसके प्रमोटर अजय सिंह को निर्देश दिया गया था।

जस्टिस यशवंत वर्मा और जस्टिस रविंदर डुडेजा की बेंच ने सिंगल बेंच के 31 जुलाई, 2023 के आदेश को चुनौती देने वाली सिंह और स्पाइसजेट की तरफ से दायर अपील को मंजूर कर लिया। बेंच ने कहा, “यह अपील स्वीकार की जाती है। नतीजतन 31 जुलाई, 2023 का (सिंगल जज का) आदेश रद्द किया जाता है।”

बेंच ने पहले सिंगल जज के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था और मारन एवं उनकी कंपनी काल एयरवेज से अपील पर जवाब देने को कहा था। स्पाइसजेट और सिंह के वकील ने पहले दलील दी थी कि उनकी चुनौती 18 फीसदी ब्याज के मसले पर थी जिसे आर्बिट्रल ट्रिब्यूनल ने स्पाइसजेट को पेमेंट करने का निर्देश दिया था।

अजय सिंह ने आर्बिट्रल ट्रिब्यूनल के फैसले को दी थी चुनौती
सिंगल जज ने मारन और काल एयरवेज के पक्ष में 20 जुलाई, 2018 को आर्बिट्रल ट्रिब्यूनल के दिए गए निर्णय को बरकरार रखा था। सिंह ने आर्बिट्रल ट्रिब्यूनल के फैसले को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी।

क्या है मामला
यह मामला जनवरी, 2015 का है जब सिंह ने संसाधनों की कमी के कारण महीनों तक बंद रहने के बाद एयरलाइन को मारन से वापस खरीद लिया था। ट्रिब्यूनल  ने मारन को निर्देश दिया था कि सिंह और एयरलाइन को पेनल इंटरेस्ट के रूप में 29 करोड़ रुपये का भुगतान करें। वहीं सिंह को ब्याज के साथ 579 करोड़ रुपये वापस करने के लिए कहा गया था।

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