बंदूक लहराकर और जीप में एक युवती का पीछा करने वाले को पंजाब  और हरियाणा उच्च न्यायालय ने राहत देने से इनकार कर दिया। अदालत का कहना है कि वह अग्रिम जमानत की छूट के लायक नहीं है। आरोपी कथित तौर पर थार जीप में कक्षा 12वीं में पढ़ने वाली एक युवती का पीछा करता था और उसे जबरन अपना नंबर देने की कोशिश की थी। कोर्ट ने ऐसी हरकतों की रोकथाम का आह्वान किया है।

इस मामले की सुनवाई जस्टिस सुमित गोयल कर रहे थे। अदालत का कहना है कि यह जरूरी है कि समाज में रहने वाला हर व्यक्ति अपने आसपास बगैर डर का माहौल बने रहने की उम्मीद करता है। कोर्ट ने कहा कि किसी भी व्यक्ति के साथ ऐसी कोई भी हरकत समाज और परिवार पर बुरा असर डालती है। कोर्ट ने कहा, ‘एक आदमी जो बंदूक लहराते हुए एक युवती का पीछा क रहा है, वह एक खतरा पैदा कर सकता है जो पीड़िता और उसके परिवार के लिए आघात का कारण बना सकता है।’

क्या था मामला

समाचार पत्रिका की रिपोर्ट के अनुसार, मौजूदा मामले में पीड़िता की शिकायत के बाद आरोपी के खिलाफ पंजाब में मोगा पुलिस ने केस दर्ज किया था। पीड़िता ने पुलिस को बताया था कि 3 मार्च को जब वह परीक्षा के बाद घर लौट रही थी, तब आरोपी अपने तीन साथियों के साथ आया और बाजार के पास उसका पीछा करने लगा। साथ ही उसने पीड़िता को नंबर देने की भी कोशिश की।

पीड़िता ने पुलिस को बताया कि आरोपी सतनाम सिंह ने, ‘मुझे बंदूक की नोक पर उसका नंबर लेने के लिए धमकाया, लेकिन मैंने उसका नंबर नहीं लिया।’ आरोपी की तरफ से पेश हुए वकील का कहना है कि उसे मामले में झूठा फंसाया जा रहा है। साथ ही उन्होंने बगैर स्पष्ट वजह से केस देरी से करने की बात भी कही। कोर्ट को जानकारी दी गई कि सिंह शादीशुदा और उसका एक बच्चा भी है।

कोर्ट ने पाया कि पूरी घटना सीसीटीवी में रिकॉर्ड हुई है। इसके बाद आरोपी की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी।

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