सुप्रीम कोर्ट ने इस टिप्पणी के साथ एक जनहित याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया कि कोई माता-पिता अपने बच्चों का नाम लालू यादव या राहुल गांधी रख दें तो उन्हें कौन रोक सकता है?
कोर्ट में नेताओं से मिलते-जुलते नाम वाले डमी (Dummy) उम्मीदवारों को रोकने के लिए तत्काल कदम उठाने की मांग वाली याचिका दायर की गई थी। इस याचिका में मांग की गई थी कि ऐसे उम्मीदवारों को रोकने के लिए चुनाव आयोग को निर्देश दिया जाए।
जस्टिस बीआर गवई की अगुआई वाली पीठ ने कहा कि अगर किसी व्यक्ति का बचपन से राहुल गांधी या लालू यादव नाम हो तो क्या आप उसे चुनाव लड़ने से रोक देंगे? क्या माता-पिता को अपने बच्चों के ऐसे नाम रखने से रोका जा सकता है? ऐसा कहते हुए पीठ ने इस याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया।
यह याचिका साबू स्टीफन नाम के एक शख्स ने दायर की थी। उनका कहना था कि ऐसे उम्मीदवारों को जानबूझकर चुनाव को प्रभावित करने के लिए उतारा जाता है ताकि वोटरों को भ्रमित किया जा सके।
याचिका में कहा गया कि कई बार ऐसा होता है कि मशहूर नेता इस तरह के हमनामों की वजह से बहुत कम अंतर से चुनाव हारे हैं। अदालत दरअसल चुनाव आयोग को निर्देश दे कि इस तरह के मामलों में गहन जांच पड़ताल की जाए ताकि तथ्यों का पता लगाया जा सके।
लेकिन कोर्ट ने कहा कि ये याचिका सुनवाई योग्य नहीं है। इसके बाद याचिकाकर्ता ने अपनी अर्जी वापस ले ली।