मुंबई के मालवणी में जहरीली शराब पीने से 100 से अधिक लोगों की जान चली गई थी। इस मामले में एक सत्र अदालत ने सोमवार को चार आरोपियों को दोषी ठहराया है। जबकि, 10 आरोपियों को बरी कर दिया। इस मामले में 16 आरोपी थे, जिनमें से एक की सुनवाई के दौरान मौत हो गई और एक फरार है।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश स्वप्निल तौशिकर ने आरोपी राजू तपकर, डोनाल्ड पटेल, फ्रांसिस डिमेलो और मंसूर खान को भारतीय दंड संहिता और बॉम्बे निषेध अधिनियम के तहत आपराधिक साजिश, गैर इरादतन हत्या और अन्य प्रासंगिक आरोपों के लिए दोषी पाया। अदालत छह मई को सजा पर अभियोजन और बचाव पक्ष की दलीलें सुनेगी।

जानकारी के अनुसार, जून 2015 में पश्चिमी उपनगर मलाड के मालवणी स्थित लक्ष्मी नगर झुग्गी बस्ती में जहरीली शराब पीने से करीब 106 लोगों की जान चली गई थी। करीब 75 लोगों की आंखों की रोशनी को नुकसान हुआ था। इस मामले में अदालत ने लंबी बहस के बाद अपना फैसला सुनाया। अदालत ने माना कि लगभग 240 गवाहों की जांच साक्ष्यों को स्पष्ट परिभाषित नहीं करती है। कहा कि अभियोजन पक्ष आपराधिक साजिश में सभी आरोपियों की संलिप्तता साबित करने में विफल रहा है।

वहीं, अभियोजन पक्ष ने अदालत में तर्क दिया कि सभी आरोपी व्यक्ति एक आपराधिक साजिश में शामिल थे। अभियोजन पक्ष ने एक गवाह से पूछताछ की थी, जिसने तपकर को जहरीली शराब बेचने में मदद की थी। जबकि, मामले में गवाही देने वाले कुछ अन्य गवाहों ने आरोपी व्यक्तियों में से एक की मांद में शराब पी थी। अभियोजन पक्ष ने पीड़ितों में से एक का मृत्यु पूर्व बयान और शराब कांड में अपनी आंखों की रोशनी खोने वाले पीड़ितों का बयान भी प्रस्तुत किया।

मुकदमे के दौरान, विशेष लोक अभियोजक प्रदीप घरात ने अदालत को बताया कि शुरुआत में, महाराष्ट्र में नकली शराब पीने से लोगों की मौत पिछले मामले की एक कड़ी है, क्योंकि पिछले दो दशक में केवल एक या दो मौतें ही अवैध शराब के सेवन से हुई हैं।

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