कोलकाता हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश जस्टिस राजेश बिंदल को हटाने की मांग की जा रही है। इस संबंध में पश्चिम बंगाल की बार कॉउंसिल अध्यक्ष ने भारत के मुख्य न्यायाधीश एन वी रमण को पत्र लिखकर उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस राजेश बिंदल को तत्काल प्रभाव से हटाने की मांग की है। बार काउंसिल ने पत्र में कहा है कि, नारद स्टिंग कांड में सीबीआई की ओर से गिरफ्तार पश्चिम बंगाल के मंत्री, विधायक और मेयर की जमानत के मामले में जस्टिस राजेश बिंदल की भूमिका संदेहास्पद रही है। इनकी वजह से कलकत्ता हाईकोर्ट की छवि खराब हो रही है। लिहाजा उन्हें तुरंत पद से हटाया जाए।
कोलकाता हाईकोर्ट के एक जज अरिंदम सिन्हा ने भी नारद घोटाले और नंदीग्राम मामलों को लेकर राजेश बिंदल पर सवाल उठाए थे। इस संबंध में सिन्हा ने सभी जजों को पत्र लिखकर कोर्ट की छवि खराब होने का आरोप लगाया था। सिन्हा ने पत्र में लिखा था कि हमारा आचरण कोर्ट के खिलाफ है, हम बाहर में मजाक बनकर रह गए हैं। वक्त रहते इसपर विचार नहीं किया गया तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
क्या है पूरा मामला
पिछले महीने 17 मई को सीबीआई ने नारद स्टिंग कांड में तृणमूल कांग्रेस के दो मंत्री, एक विधायक और एक पूर्व विधायक को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद सभी को निचली अदालत से जमानत मिल गई सीबीआई ने निचली अदालत के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी, जहां हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को सुरक्षित रख लिया। इसके अलावा बार काउंसिल ने नंदीग्राम की चुनाव याचिका में भी न्यायमूर्ति बिंदल की भूमिका पर सवाल उठाया। बार काउंसिल की मानें तो नंदीग्राम में ममता बनर्जी की हार के बाद हाईकोर्ट में दायर याचिका में जस्टिस बिंदल ने दिलचस्पी दिखाई थी।