कांग्रेस ने गठबंधन दल के लिए ‘I.N.D.I.A.’ नाम का इस्तेमाल करने के खिलाफ दायर याचिका पर हाईकोर्ट में जवाब दाखिल किया। कांग्रेस ने इस याचिका को ‘राजनीति से प्रेरित’ बताते हुए इसे खारिज करने की मांग की है।

कांग्रेस ने हाईकोर्ट में जवाब देते हुए कहा कि याचिकाकर्ता याचिका के मूल आधार को ही स्थापित करने में नाकाम रहा है। कांग्रेस ने कहा कि ये याचिका न सिर्फ राजनीति से प्रेरित है, बल्कि इसे एक राजनीतिक रणनीति को आगे बढ़ाने के मकसद से दायर किया गया है। कांग्रेस ने जवाब में कहा है कि याचिकाकर्ता ने जानबूझकर विश्व हिंदू परिषद से जुड़े होने की बात भी छिपाई है।

कांग्रेस ने ये जवाब गिरिश भारद्वाज नाम के शख्स की ओर से दायर याचिका पर दिया है। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए 2 अप्रैल को हाईकोर्ट ने सभी विपक्षी पार्टियों को एक हफ्ते में अपना जवाब दाखिल करने का आदेश दिया था।

भारद्वाज ने अपनी याचिका में मांग की है कि विपक्षी पार्टियों को ‘इंडिया’ नाम का इस्तेमाल करने से रोका जाए, क्योंकि इससे पार्टियां देश के नाम पर गलत फायदा ले रही हैं। दिल्ली हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस मनमीत पीएस अरोड़ा की बेंच इस याचिका पर सुनवाई करेगी।

कांग्रेस ने और क्या कहा?
कांग्रेस ने जवाब दाखिल करते हुए दावा किया कि ये पूरी तरह से साफ है कि इस याचिका को दायर करने का मकसद अपनी राजनीतिक संबद्धता को मजबूत करना है। याचिकाकर्ता कथित तौर पर गठबंधन का नाम I.N.D.I.A. रखने से होने वाले कथित नुकसान का कोई सबूत देने में भी नाकाम रहे हैं।

पार्टी ने कहा कि याचिकाकर्ता कानून में ऐसा कोई प्रावधान भी नहीं दिखा सका जो पार्टियों को ‘इंडिया’ नाम अपनाने से रोकता हो। कांग्रेस ने कहा कि ये याचिका कुछ और नहीं बल्कि राजनीति और चुनाव के मामलों में कोर्ट को उलझाने की एक दुर्भावनापूर्ण और तुच्छ कोशिश है।

क्या है पूरा मामला?
विपक्षी पार्टियों ने पिछले साल जुलाई में अपने गठबंधन का नाम I.N.D.I.A. यानी इंडियन नेशनल डेवलपमेंट इन्क्लूसिव अलायंस रखा था। इसके बाद गिरिश भारद्वाज नाम के शख्स ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। उन्होंने मांग की कि अदालत पार्टियों को INDIA नाम इस्तेमाल करने से रोकने का निर्देश जारी करे। इसके साथ ही केंद्र सरकार और चुनाव आयोग को इन राजनीतिक पार्टियों के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दे।

भारद्वाज ने कहा कि देश का नाम ‘घसीटकर’ राहुल गांधी ने बड़ी चालाकी से ये दिखाने की कोशिश की कि बीजेपी और पीएम मोदी की लड़ाई हमारे देश से है। उन्होंने तर्क दिया कि इससे भ्रम पैदा हो गया है कि 2024 की लड़ाई राजनीतिक पार्टियों या गठबंधन और हमारे देश के बीच होगी। उन्होंने ये भी तर्क रखा कि गठबंधन का नाम देश के नाम पर रखने से नफरत बढ़ सकती है और इससे राजनीतिक हिंसा होने का खतरा है।

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