नालंदा | बिहार में बिहारशरीफ किशोर न्याय परिषद (जेजेबी) के प्रधान जज मानवेन्द्र मिश्र ने सनातन संस्कृति को आधार मान एक फैसला सुनाया है। उन्होंने मिठाई चोरी के आरोपित किशोर को दोष मुक्त करार देते हुए कहा कि, जब भगवान श्रीकृष्ण की माखन चोरी बाललीला हो सकती है तो बालक की मिठाई चोरी को भी अपराध नहीं माना जाना चाहिए। समाज में दोहरा मानदंड नहीं चल सकता। वह भी तब, जब किशोर के पास भोजन न हो। 


जज ने मामले में हरनौत के बाल कल्याण पुलिस पदाधिकारी के विरुद्ध कड़ी टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि इस तरह के मामले में एफआइआर दर्ज ही नहीं करनी चाहिए। सिर्फ थाना की सामान्य डायरी में घटना को दर्ज कर मामले को सुलझाना चाहिए था। जज ने चोरी का आरोप लगाने वाली महिला की अधिवक्ता से सवाल किया कि यदि उस महिला की संतान उसके पर्स से पैसे निकाल लेती तो क्या वह अपने ब’चे को भी पुलिस को सौंपकर जेल भिजवा देती। 



मिठाई खाने और मोबाइल चुराने का आरोप



मामला नालंदा जिले के हरनौत थाना क्षेत्र के एक गांव से जुड़ा है। किशोर पर ननिहाल में एक महिला सुनीता कुमारी के घर के फ्रिज में रखी मिठाइयां चुराकर खा लेने और मोबाइल फोन उठा लेने का आरोप लगा था। घटना इसी महीने की सात सितंबर की है। आठ सितंबर को बाल कल्याण पुलिस पदाधिकारी ने उसे किशोर कोर्ट में प्रस्तुत किया था। किशोर ने स्वीकार किया कि भूखवश उसने मिठाई चोरी की और गेम खेलने के लिए मोबाइल फोन लिया था। किशोर भोजपुर के आरा के निकट एक गांव का है। पिता बस चालक थे, जिनकी रीढ़ की हड्डी सड़क दुर्घटना में टूट चुकी है। वे चल नहीं सकते। घर में कमाने वाला कोई नहीं है। मां मानसिक रूप से बीमार रहती है। नाना-नानी की भी मौत हो चुकी है। किशोर के कहने पर उसे उसके बहनोई को सौंप दिया गया।


जज ने किशोर की देखभाल की योजना बनाने का निर्देश बाल संरक्षण इकाई को दिया है। भोजपुर बाल कल्याण इकाई के सहायक निदेशक विनोद ठाकुर एवं बाल कल्याण पदाधिकारी को निर्देश दिया गया है कि किशोर की उचित देखभाल तथा पठन-पाठन की व्यवस्था की जाए। सहायक निदेशक ने जज को भरोसा दिलाया है कि किशोर की समुचित देखभाल की जाएगी।

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