नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ के निलंबित ADP गुरजिंदर पाल सिंह से जुड़े मामले में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने अहम टिप्पणी की है।  चीफ जस्टिस एनवी. रमना ने कहा कि, आप हर मामले में सुरक्षा नहीं ले सकते हैं, क्योंकि आप सरकार के करीबी हैं तो आपने पैसा वसूलना शुरू कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर आप सरकार के करीबी होकर ऐसा करते रहते हैं, तो आपको भुगतान करना होगा।  आपको ब्याज के साथ भुगतान करना होगा। SC ने कहा कि हम ऐसे अधिकारियों को सुरक्षा क्यों दें, देश में नया ट्रेंड चला है लेकिन उन्हें जेल जाना होगा।  हालांकि, कड़ी टिप्पणी के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में छत्तीसगढ़ में दर्ज तीसरी एफआईआर में गिरफ्तारी से अंतिम संरक्षण दिया।  इस मामले में छत्तीसगढ़ सरकार को नोटिस दिया गया है और एक अक्टूबर को मामले की सुनवाई होगी। 


 गौरतलब है कि, छत्तीसगढ़ में 1994 बैच के अधिकारी गुरजिंदर पाल सिंह पर जब छापा मारा गया था, तब उनके पास करोड़ों रुपये की संपत्ति होने का पता लगा था।  इसी के बाद मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था और सर्वोच्च अदालत ने सख्त रुख अपनाया था। 


 तमिलनाडु निकाय चुनाव को लेकर SC का आदेश सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को एक और अहम सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया है कि तमिलनाडु में अगले चार महीने में ही शहरी निकाय चुनावों को पूरा करवाना होगा।  तमिलनाडु के चुनाव आयोग ने सात महीने तक का वक्त मांगा था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस अपील को खारिज किया।  राज्य चुनाव आयोग की दलील थी कि राज्य सरकार ने प्रशासनिक सरलता की गरज से कुछ बड़े जिलों में से काट-छांट कर नौ नए जिले बनाए हैं. वहां चुनावी तैयारियों के लिए वक्त दिया जाए।  सुप्रीम कोर्ट ने आयोग की सात महीने की अपील खारिज करते हुए चार महीनों में ही चुनाव कराने का आदेश जारी कर दिया। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page