झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस राजेश कुमार की कोर्ट ने याचिका में त्रुटि दूर नहीं होने पर केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा पर 1.25 लाख रुपये का हर्जाना लगाया है। कोर्ट ने उक्त राशि हाईकोर्ट के अधिवक्ता क्लर्क एसोसिएशन में जमा कराने का निर्देश दिया है। हालांकि, कोर्ट ने केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा को अंतरिम राहत देते हुए पीड़क कार्रवाई पर रोक लगा दी और मामले में सरकार से जवाब मांगा है।

अगली सुनवाई आठ मई को होगी। मामले में पूछे जाने पर अर्जुन मुंडा के अधिवक्ता प्रशांत पल्लव ने बताया कि सचिवालय घेराव में दर्ज प्राथमिकी के खिलाफ अर्जुन मुंडा की ओर से होली के अवकाश के एक दिन पहले याचिका दाखिल की गई थी। अवकाश के बाद दो अप्रैल को हाईकोर्ट खुला था। उस दिन सवा दो बजे इस मामले को फाइलिंग नंबर के साथ कोर्ट में जल्द सुनवाई का आग्रह करते हुए मेंशन किया गया। उसके बाद याचिका की स्टांप रिपोर्टिंग की गई और अगले दिन यानी तीन अप्रैल को मामले में सुनवाई निर्धारित की गई। याचिका में पांच पेज की त्रुटि और थाना के नाम की स्पेलिंग में त्रुटि इंगित की गई थी।

प्रशांत पल्लव ने बताया कि पांच पेज की त्रुटि की समस्या को दूर करने के लिए उन्होंने संबंधित कागजात अपने पास रखे थे और कोर्ट को इस बारे में अवगत भी कराया। कोर्ट ने कहा कि याचिका की त्रुटि को दरकिनार किया जाता है, लेकिन इसके लिए उन्हें 1.25 लाख रुपये हर्जाने के रूप में देने होंगे।

बता दें कि केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा 11 अप्रैल 2023 को सचिवालय मार्च के दौरान धुर्वा थाना में दर्ज प्राथमिकी को निरस्त करने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। प्राथमिकी के अनुसार, सचिवालय की ओर मार्च कर रहे भाजपा कार्यकर्ताओं की पुलिस के साथ झड़प हो गई थी। इसमें केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, बाबूलाल मरांडी और रघुवर दास, सांसद निशिकांत दुबे सहित 41 नामजद एवं कई अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

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