CJI जस्टिस D. Y. चंद्रचूड़ ने प्रख्यात न्यायविद फली एस. नरीमन की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि एक नैतिक व्यक्ति की अंतिम परीक्षा न्याय के लिए आवाज उठाने की इच्छा है, भले ही इसके लिए कितनी ही कठिनाई क्यों न हो। CJI ने कहा, नरीमन हमेशा सही और उचित बात के लिए बोलने को तैयार रहते थे। फली एस. नरीमन का निधन 21 फरवरी को हो गया था।

नरीमन के सम्मान में सुप्रीम कोर्ट में हुए फुल कोर्ट में CJI ने कहा, उनकी मानसिक चपलता, काम के प्रति समर्पण और कानून के प्रति प्रतिबद्धता उनके काम के आखिरी दिन तक बदली नहीं। हमारी अदालतों के समक्ष नरीमन का जीवन और करियर कानूनी पेशे के उच्चतम आदर्शों पर खरा उतरा। मुवक्किल, सरकार या मामला नरीमन के सामने कुछ फर्क नहीं पड़ता। उन्होंने हमेशा स्वतंत्रता, समानता और न्याय, हमारे संविधान और अंततः हमारे समाज के मूलभूत मूल्यों पर आधारित कानून की दृष्टि को आगे बढ़ाया।

CJI ने कहा कि जून 1975 में आंतरिक आपातकाल लागू होने के साथ, नरीमन ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के पद से इस्तीफा दे दिया।

हालांकि, सुप्रीम कोर्ट में उनकी निरंतर उपलब्धियां न केवल उनकी स्थायी कानूनी कौशल का प्रमाण हैं, बल्कि अपने मुवक्किलों की निरंतर सेवा करने के लिए दिन की असहमति से ऊपर उठने की बार की उस बेहतरीन परंपरा का भी प्रमाण है। वह न्यायालय की मदद करते रहे और हमारे देश की बेहतरी की दिशा में काम करते रहे।

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