राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली राष्ट्रीय महिला आयोग नई दिल्ली एवं छत्तीसगढ़ राज्य  विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर केे निर्देशानुसार पेन इण्डिया अवेयरनेस एवं आउटरीच अभियान के तहत रविवार जिला न्यायालय परिसर रायपुर के कक्ष क्रं. 210 में राष्ट्रीय महिला आयोग के सहयोग से महिलाओ के लिए विधिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। 


 कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्जवलित कर सुश्री चेतना ठाकुर व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-1, सुश्री दिव्या गोयल, व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-2 डॉ प्रीति सतपथी,  ‘‘प्रोफेसर’’ रिसोर्स पर्सन, श्रीमती अर्पणा सिंह, अधिवक्ता, रिसोर्स पर्सन द्वारा किया गया।   


कार्यक्रम में अतिथियों, पदाधिकारियों , न्यायधीशों व अन्य लोगों ने महिला जागरूकता के विषय में अपने- अपने उदबोधन दिए  जो इस प्र्रकार हैं।


नारी शक्ति सदैव मातृत्व प्रेम, स्नेह, तथा संघर्ष का प्रतीक है। नारी शक्ति के अस्तित्व के बिना संसार के अस्तित्व के जीवन्त उदाहरण की परिकल्पना भी स्वीकार नहीं है। देश की प्रगति में सदैव हर कदम पर नारी का योगदान अविस्मरणीय है और रहेगा। 


– जिला एवं सत्र न्यायाधीश 

माननीय अरविंद कुमार वर्मा 

 जिला न्यायालय, रायपुर 


अधिकार का ज्ञान पीड़ित शब्द को हतोत्साहित करता है और हर महिला को अपने अधिकारों का ज्ञान होना अनिवार्य है। जिससे अपने अधिकारों की रक्षा हर कदम पर कर सके। 

–   न्यायाधीश सुश्री चेतना ठाकुर 

जिला एवं सत्र न्यायालय, रायपुर 

  जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायपुर द्वारा आयोजित महिलाओ के लिए इस विधिक जागरूकता कार्यक्रम में सुश्री चेतना ठाकुर व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-1, रायपुर ने अपने उद्बोधन में पीड़ित महिलाओं को पीड़ित क्षतिपूर्ति योजना 2011 तथा पीड़ित क्षतिपूर्ति योजना 2018 के बारे में विस्तार से बताया उन्होंने कहा कि, पीड़िता को अंतरिम क्षतिपूर्ति तथा अंतिम क्षतिपूर्ति राशि प्राधिकरण के माध्यम से प्रदान की जाती है।   


वहीं कार्यक्रम में सुश्री दिव्या गोयल व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-2, रायपुर ने अपने उद्बोधन में नालसा की स्कीम एसिड अटैक पर अपना व्याख्यान दिया। एसिड अटैक से पीड़ित को शासन के द्वारा तत्काल राहत राशि प्रदान की जाती है एसिड अटैक के मामलों में धारा 326 ए भा.द.सं. के तहत घोर उपहति होने पर एक लाख रूपये तक क्षतिपूर्ति राशि शासन के द्वारा प्रदान की जाती है। 


      स्वास्थ्य विभाग की ओर से श्रीमती ज्योत्सना पैकरा द्वारा चिकन डांस के माध्यम से महिलाओं को व्यायाम करने का संदेश दिया और महिलाओं के स्वास्थ्य संबंधी अधिकारों, जननी सुरक्षा, मातृत्व सुरक्षा संबंधी अधिकारों के बारे में व्याख्यान दिया । 


     जिला अभियोजन विभाग की ओर से श्रीमती हीना यास्मीन खान ने अभियोजन के माध्यम से महिलाओं के न्यायालय में उपस्थित होने पर क्या क्या सुरक्षा संबंधी एवं  महिलाओं के विधिक अधिकारों की सुरक्षा के बारे में बताया उन्होंने कहा कि , पॉक्सो के मामले में एवं महिलाओं के मामले में पीड़िता का नाम कहीं पर भी प्रकाशित नहीं किया जाता है। 


        नगर निगम  की ओर से श्रीमती एन0त्रिपाठी पाणिग्रही ने अपने उद्बोधन में कहा कि, प्रत्येक व्यक्ति को चाहिए कि वे अपने क्षेत्र व आसपास सफाई के लिए जागरूक रहे और दूसरों को भी जागरूक बनाए। सफाई कार्य के लिए नगर निगम हमेशा तत्पर है।   


     पुलिस विभाग की ओर से सुश्री पूर्णिमा तिवारी ने अपने उद्बोधन में कहा कि, कार्यस्थल पर किसी भी महिला के साथ यौन उत्पीड़न नहीं किया जा सकता है यौन उत्पीड़न होने की दशा में हर विभाग की एक समिति होगी वह समिति ऐसे मामलों की जांच कर दंडात्मक कार्यवाही के साथ साथ अपराध करने वाले व्यक्ति को निलंबित तक कर सकती है।    

   

   महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से अल्केश्वरी सोनी ने अपने उद्बोधन में कहा कि,  महिलाओं के संबंध में पोषण किट योजना एवं अन्य योजनाएॅ प्रभावशाली है। जिसका लाभ महिलाओं को दिया जा रहा है। वहीं कार्यक्रम में सभी प्रतिभागियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।  

     कार्यक्रम में सुश्री चेतना ठाकुर व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-1, सुश्री दिव्या गोयल, व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-2 जिला न्यायालय रायपुर (छ0ग0) ,डॉ प्रीति सतपथी,  ‘‘प्रोफेसर’’ रिसोर्स पर्सन, कुसुमताई दाबके विधि महाविद्यालय रायपुर, श्रीमती अर्पणा सिंह, अधिवक्ता, रिसोर्स पर्सन (छ0ग0), सहायक श्रमायुक्त के महिला अधिकारीगण , जिला अभियोजन अधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, आयुक्त,नगर पालिक निगम, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, अति0 पुलिस अधीक्षक रायपुर, पैरालीगल वॉलिटियर एवं विधि की छात्राएं  उपस्थित रहे। 

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