हाईकोर्ट ने रूपनगर में ED की अचैट की गई छह एकड़ भूमि पर अवैध खनन की जानकारी पर पंजाब सरकार को जमकर फटकार लगाई है। हाईकोर्ट ने कहा कि अभी तक इस मामले में गिरफ्तारी नहीं हुई है और अगर अगली सुनवाई तक सभी दोषी सलाखों के पीछे नहीं डाले गए तो इस मामले की जांच CBI को सौंप दी जाएगी।
रूपनगर के नंगल पुलिस स्टेशन में अवैध खनन को लेकर 27 जुलाई को एफआईआर दर्ज की गई थी। इसमें एक टिप्पर चालक को जमानत देते हुए हाईकोर्ट ने अवैध खनन में केवल गरीब लोगों को बलि का बकरा बनाने पर संज्ञान लिया था। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा था कि पुलिस असली दोषियों को बचाने की पूरी कोशिश कर रही है। पंजाब पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कोर्ट ने कहा था कि ऐसा प्रतीत होता है कि पुलिस खनन माफिया से मिलकर काम कर रही है। खनन माफिया पुलिस के शिकंजे से दूर है।
इस प्रकार की कार्रवाई से कैसे रुकेगा खनन
सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट को रूपनगर में ED की अटैच की गई छह एकड़ भूमि पर अवैध खनन के बारे में जानकारी दी गई। हाईकोर्ट ने इस पर कड़ा रुख अपनाते हुए पूछा कि कैसे इस प्रकार की जमीन पर खनन होने दिया जा रहा था। इस पर एसएचओ ने बताया कि अवैध खनन के खिलाफ पुलिस कार्रवाई कर रही है।
हाईकोर्ट ने कहा कि इस प्रकार की कार्रवाई जारी रही तो अवैध खनन कैसे रुकेगा। राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि अवैध खनन को रोका जाए और यहां पर तो ED की अटैच की गई भूमि पर अवैध खनन किया जा रहा है। हाईकोर्ट ने दो टूक शब्दों में कहा कि अवैध खनन के दोषी अगली सुनवाई तक सलाखों के पीछे होने चाहिए। अगर ऐसा नहीं हुआ तो हम इस मामले की जांच CBI को सौंप देंगे।