गुजरात हाईकोर्ट ने साबरमती जेल के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि सीरियल ब्लास्ट के आरोपी को वकील मुहैया कराया जाए। आरोपी को ट्रायल कोर्ट ने मृत्युदंड सुनाया है, जिसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर हुई है। उच्च न्यायालय का कहना है कि अदालत में मृत्युदंड मामले में सुनवाई के लिए आरोपी का प्रतिनिधित्व करने के लिए वकील नियुक्त किया जाना चाहिए।उच्च न्यायालय की सदस्यीय खंडपीठ ने बुधवार को कहा कि यदि निर्देशों का पालन नहीं हुआ तो अदालत वकील की नियुक्ति के लिए आदेश की पारित कर सकती है। खंडपीठ में न्यायमूर्ति ए.वाई कोगजे और न्यायमूर्ति समीर जे दवे शामिल है।अब जानें, क्या है पूरा मामलादरअसल, फरवरी 2022 में एक ट्रायल कोर्ट ने 2008 के अहमदाबाद सीरियल ब्लास्ट के 38 आरोपियों को मृत्युदंड सुनाया है तो वहीं, अन्य 11 आरोपियों मृत्यु तक कारावास की सजा दी है। मृत्युदंड के फैसले की सुनवाई अब उच्च न्यायालय में होगी। इस दौरान अदालत को सूचित किया गया कि मृत्युदंड के 38 दोषियों में से सिर्फ एक आरोपी अफजल उर्फ अफसर के पास ही कोई वकील नहीं है। बता दें, सीरियल ब्लास्ट में कुल 56 लोगों की मौत हो गई थी और 200 से अधिक लोग घायल हो गए थे।सुनिश्चित करना आवश्यक है कि सभी आरोपियों के पास वकील होउच्च न्यायालय ने कहा कि अदालत निर्देश देती है कि प्रतिवादी संख्या 19 अफजल को जेल अधिकारी वर्तमान कार्यवाही की जानकारी दे। इसके अलावा, अफजल के लिए एक निजी वकील नियुक्त कराया जाए। अगर निर्देशों का पालन नहीं हुआ तो कोर्ट आदेश भी पारित कर सकती है। अतिरिक्त अधिवक्ता मितेश अमीन का कहना है कि सबसे पहले यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि सभी आरोपियों के पास वकील हो।दोषियों के वकीलों का अनुरोधदोषियों के वकीलों ने हाईकोर्ट से अनुरोध किया कि ट्रायल कोर्ट के रिकॉर्ड और कार्यवाही की सॉफ्ट कॉपी जमा कराने के निर्देश दिए जाएं। एचसी का कहना है कि आरोपी 14 साल से जेल में बंद है। अगर सॉफ्ट कॉपी तैयार करने में और देरी होती है, तो दोषी ही इसके लिए जिम्मेदार होंगे। एचसी का निर्देश है कि भौतिक प्रति के साथ-साथ सॉफ्ट कॉपी भी प्रदान की जाए।