घर में अक्सर किसी बात को लेकर सास-बहू के बीच लड़ाई आम बात है। अक्सर सोने-चांदी या फिर घरेलू कामकाज को लेकर सास-बहू में झगड़े होते रहते हैं। मगर क्या हो जब सास-बहू की लड़ाई सीधे सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच जाए। जी हां, पाकिस्तान में ऐसा ही हुआ है। पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट में एक अनोखा मामला सामने आया है, जहां सास-बहू के बीच 10 तोला सोने को लेकर विवाद है।

दरअसल, पाकिस्तान की एक महिला याचिकाकर्ता का अपनी पूर्व बहू के साथ 10 तोला सोने को लेकर विवाद चल रहा है। सबीहा खानम नाम की इस महिला ने अपनी पूर्व बहू को 10 तोला सोना देने के हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ पाकिस्तानी शीर्ष अदालत में याचिका दायर की थी। पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश (CJP) काजी फैज ईसा की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने मंगलवार को मामले की सुनवाई की।

जियो TV के मुताबिक, चीफ जस्टिस काजी फैज ईसा ने याचिकाकर्ता महिला के वकील जुल्फिकार नकवी से दोनों महिलाओं के बीच पारिवारिक विवाद के विवरण के बारे में सवाल किया। इस पर वकील ने अदालत को बताया कि यह झगड़ा सोने की कस्टडी को लेकर सास और बहू के बीच है। इसके बाद पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया कि क्या उनकी बहू तलाकशुदा थी और उसका हक-ए-मेहर (शादी के समय दूल्हे की ओर से दुल्हन को दिया गया एक अनिवार्य भुगतान या उपहार) क्या था?

बेंच के पूछने पर याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि बहू का तलाक हो चुका है और उसके तीन बच्चे हैं, जबकि उसका गुजारा भत्ता 2000 रुपये तय है। इसके बाद चीफ जस्टिस ने टिप्पणी की कि तीन बच्चों की मां को 10 तोला सोना देने में क्या दिक्कत है। इसके बाद शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ता खानम की उच्च न्यायालय के फैसले को पलटने की अपील खारिज कर दी। इस तरह से सास-बहू के झगड़े में बहू की जीत हो गई और अब सास को 10 तोला सोना देना होगा।

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