नेशनल हेल्थ मिशन के तहत नियुक्ति किए गए संविदा कर्मचारियों के वेतन में कटौती नहीं करते के आदेश दिए हैं। हाईकोर्ट जस्टिस विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि NHM की योजनाओं का संचालन रोगी कल्याण समिति को सौंप दिया गया है, परंतु निर्धारित मापदंड के अनुरूप संविदा नियुक्ति प्रदान की गई है।
सिवनी और दमोह में NHM योजना के तहत संविदा में नियुक्ति किए गए 30 कर्मचारियों की तरफ चार याचिकाएं दायर की गई थी। दायर याचिकाओं में कहा गया था कि नेशनल हेल्थ मिशन के तहत उन्हें संविदा नियुक्ति प्रदान की गई थी। नेशनल हेल्थ मिशन ने अपनी योजनाएं का संचालन रोगी कल्याण समिति को स्थानांतरित कर दिया था। रोगी कल्याण समिति द्वारा ठेके पर आउटसोर्स कर्मचारियों से सेवाएं ले रहा है।
याचिका में कहा गया था कि आउटसोर्स कर्मचारियों के रूप में उन्हें कम वेतन प्रदान किया जा रहा है। निर्धारित योग्यता के अनुसार, उन्हें NHM में संविदा नियुक्ति प्रदान की गई थी। एकलपीठ ने सुनवाई के दौरान पाया कि याचिकाकर्ता नियमितीकरण की मांग नहीं करते हुए सिर्फ NHM के तहत मिलने वाले वेतनमान की मांग कर रहे हैं। एकलपीठ ने याचिकाकर्ता को पूर्व अनुमान वेतन प्रदान करने के आदेश जारी किए हैं।