बिलासपुर रेलवे स्टेशन पर ड्रॉप एंड गो में बैरियर लगाकर ठेकेदार की अवैध वसूली को लेकर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की डिवीजन बेंच ने जमकर नाराजगी जताई हैं। मामले की सुनवाई के दौरान उन्होंने कहा कि, इतना बड़ा रेलवे स्टेशन चला रहे हो, हजारों यात्रियों का आना-जाना है, उनसे कोई मतलब है या नहीं। रेलवे स्टेशन पर मनमानी चल रही है, कहां है डीआरएम, ऑफिस से निकलकर रेलवे स्टेशन जाकर देखें कि, क्या हालात है, यहां कोई सिस्टम है या नहीं। मीडिया की खबर का असरबता दें कि, रेलवे की अव्यवस्था को लेकर मीडिया की खबर को हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया है। मामले की प्रारंभिक सुनवाई के दौरान कोर्ट ने रेलवे डीआरएम को शपथपत्र के साथ जवाब प्रस्तुत करने को कहा था। इसके बाद आनन-फानन में रेलवे के अफसरों ने दिखावे के लिए वाणिज्य निरीक्षक को सस्पेंड कर दिया। साथ ही ठेकेदार पर 10 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया। वहां सिस्टम नाम की कोई चीज नहीसुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रविंद्र अग्रवाल की डिवीजन बेंच में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे बिलासपुर डीआरएम की तरफ से शपथ पत्र के साथ जवाब प्रस्तुत किया गया। सिस्टम पर सवाल उठाते हुए कोर्ट ने कहा कि, रेलवे है, अस्पताल है, यहां लोग किस तरह की अव्यवस्था से गुजर रहे हैं, कितनी परेशानी झेलनी पड़ रही है, इस बात की चिंता आप लोगों को है भी या नहीं। न तो रेलवे की व्यवस्था सुधर रही है, और न ही अस्पताल की। यहां सिस्टम नाम की कोई चीज ही नहीं रह गई है। लोगों को सुविधा मुहैया कराने के बजाय परेशानी ही खड़ी करते रहेंगे क्या? ऐसा काम क्यों करते हैं, जिससे लोगों की परेशानी हो।