प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कलकत्ता हाईकोर्ट में एक रिपोर्ट पेश की है और कहा है कि अभिषेक बनर्जी की कंपनी लीप्स एंड बाउंड्स की आठ संपत्तियों को जब्त कर लिया गया है। ED का अनुमान है कि यह करीब 7.5 करोड़ रुपये की संपत्ति हैं। ED के वकील ने मंगलवार को जस्टिस अमृता सिन्हा की अदालत में यह जानकारी दी।Leaps and Bounds मामले में CBI और ED ने जस्टिस अमृता सिन्हा की एकल पीठ को अलग-अलग जांच रिपोर्ट सौंपी है। जज रिपोर्ट की जांच के बाद बुधवार को दोबारा मामले की सुनवाई करेंगे। हालांकि, न्यायाधीश ने ED के संयुक्त निदेशक और ESI अस्पताल के एक वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी को बुधवार को अदालत में पेश होने का आदेश दिया।CBI के वकील बिल्वादल भट्टाचार्य ने बंद लिफाफे में सौंपी गई रिपोर्ट के बारे में अदालत को जानकारी दी। CBI को प्रारंभिक जांच में पता चला कि भर्ती के सभी पहलुओं में भ्रष्टाचार हुआ है। एस बसु रॉय एंड कंपनी 2022 तक एक चार्टर्ड अकाउंट फर्म थी। फिर अचानक उन्हें OMR शीट तैयार करने की जिम्मेदारी मिल गई! इससे केंद्रीय एजेंसी हैरान रह गई।2012 में कई अन्य संस्थाओं को OMR शीट तैयार करने का अनुभव होने के बावजूद यह कार्य नहीं दिया गया। 2014 में कोई और निविदा नहीं बुलाई गई। प्राथमिक शिक्षा बोर्ड ने अभ्यर्थियों के पंजीकरण के लिए एक पोर्टल खोला जो पूरी तरह से अवैध है। यह प्रक्रिया बिना किसी कानूनी प्रक्रिया का पालन किए की गई है। यह पूरी तरह से अज्ञात है कि इसे किसके द्वारा या किसके कहने से इसे नष्ट किया गया था।वकील ने दावा किया कि RTI का जवाब देने के लिए उन्होंने एस बसु रॉय और कंपनी बोर्ड से चर्चा की होगी और OMR शीट की स्कैन की हुई कॉपी दिखाई होगी। उन्होंने यह भी कहा कि अयान शील अब जेल में है। CBI के वकील ने कहा कि भले ही उससे पूछताछ से कई अहम जानकारियां सामने आई हैं, लेकिन ये सारी बातें कोर्ट रूम में नहीं बताई जा सकतीं। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट में पूरे मामले का जिक्र किया गया है।CBI के वकील ने कहा, ‘जिसने भी OMR बनाया, मार्क्स दिए, सब कुछ किया। ऐसा लगता है कि यह सब बच्चों का खेल है। जो कुछ भी किया गया है।’ वहीं, ED के वकील धीरज त्रिवेदी ने कहा कि कंपनी की कुल आठ संपत्तियों को जब्त कर लिया गया है। जहां अनुमान है कि करीब 7।5 करोड़ रुपये की संपत्ति है। ED को आशंका है कि वहां से भर्ती को लेकर भ्रष्टाचार से जुड़ी कई जानकारियां सामने आएगी।