हाईकोर्ट ने वन विभाग में Outsource Agency से नियुक्त कर्मचारियों को हटाने पर अंतरिम रोक लगाते हुए सरकार को तीन दिन में स्थिति स्पष्ट करने के निर्देश दिए हैं। अगली सुनवाई तीन जनवरी को होगी। न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई।
वन विभाग में उपनल सहित अन्य Outsource Agencies के माध्यम से 2187 लोग काम कर रहे थे। नौ नवंबर को शासन ने अधिसूचना जारी कर विभाग का पुनर्गठन करने और 1113 पदों को Outsource Agency के माध्यम से भरने का निर्देश दिया था जिसे अल्मोड़ा के दिनेश परिहार और देहरादून के दिनेश चौहान और अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर चुनौती दी थी।
याचिकाकर्ताओं का कहना था कि उन पदों को भी दूसरी Outsource Agency से भरने के निर्देश दिए गए हैं, जिन पदों पर वे कार्यरत हैं। याचिका में कहा गया कि वह सालों से विभाग में काम कर रहे हैं और दूसरे लोगों को आउटसोर्स से नियुक्त कर उनको सेवा से बाहर करना गलत है।